सरसों का तेल(Mustard Oil) हो या सरसों के बीज ये एक ऐसी चीज है जो हर भारतीय घरों में खाना बनाने और उसका स्वाद बढ़ाने में काम आती है। कहा जाता है कि, सरसों में ओमेगा 3 फैटी एसिड की काफी मात्रा होती है ये जो की हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद भी होता है। ये तो हम सबने सुना है कि, रिफाइंड और डालडा हमारी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा चकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जहां सरसों के तेल के कई फायदें हैं वहीं उसके कुछ नुकसान भी हैं। आज हम बात करेंगे कि, सरसों का तेल आपके शरीर को किस तरह का नुकसान दे सकती है।
लंग्स को नुकसान
सरसों में पाएं जाने वाला इरूसिक नाम का एसिड हमारे फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाता है। सरसों का तोल आपके रिस्पेरेटरी सिस्टम को काफी प्रभावित कर सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सरसों के तेल(Mustard Oil) का लंबे वक्त तक सेवन करने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बना रहता है।
ड्रॉप्सी रोग
ड्रॉप्सी रोग सरसों के तेल में मिले अर्जीमोन तेल की वजह से होता है। इस रोग में गुर्दे ह्रदय सहित अन्य अंग कमजोर हो जाते हैं। इस बीमारी में शरीर में दूषित पानी जमा होने लगता है। बीएमजे जर्नल्स के अनुसार, 1998 में नई दिल्ली में सरकार द्वारा ड्रॉप्सी के तेजी से बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए सरसों के तेल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
मिसकेरेज का खतरा(Mustard Oil)
डॉक्टर्स के मुताबिक प्रेगनेंट औरतों को काली सरसों या सरसों के तेल का सेवन ज्यादा नहीं करनाा चाहिए। क्सफोर्ड द्वारा किए गए और यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सरसों में मौजूद रसायन गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
एलर्जी
क्या आप जानते हैं कि, एलर्जी की वजह से हर साल लगभग 30,000 अमेरिकन अपना इलाज करवाते हैं। उनमें से करीब 200 लोग जान गवा देते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सरसों की एलर्जी सबसे गंभीर एलर्जी में से एक है, क्योंकि इसका सेवन करने से हिस्टामाइन में वृद्धि हो सकती है, और एनाफिलेक्टिक शॉक भी हो सकता है।