भारत नहीं, विदेश में पढ़ने वाले युवाओं को मिलते हैं शानदार कॅरियर के अवसर

जिनके पास विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री होती है उनके पास जॉब के अवसर और अच्छी सैलेरी पैकेज मिलने की संभावना दूसरे युवाओं की तुलना में ज्यादा होती है।

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विदेश जाकर पढा़ई करने का चार्म युवाओं में हमेशा रहा है। एकेडमी और जॉब मार्केट में टफ कॉम्पीटिशन के कारण टैलेंटेड युवा आगे की शिक्षा के लिए विदेश जाना पसंद करते हैं। भारत में फॉरेन डिग्री होल्डर्स को बेहतरीन जॉब ऑफर्स मिलते हैं, किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने वाले इंडियन स्टूडेंट्स के लिए विदेशों में भी आकर्षक कॅरिअर ऑप्शन्स उपलब्ध होते हैं।

यही कारण है कि आज ज्यादातर युवा विदेशों में पढ़ाई के ऑप्शन ढूंढ रहे हैं। राजस्थान सरकार की तरफ से राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस स्कीम के तहत युवाओं को 12वीं के बाद विदेश की कई अच्छी यूनिवर्सिटीज में अध्ययन का अवसर दिया जा रहा है। मेडिकल, इंजीनियरिंग और दूसरी प्रोफेशनल डिग्री के लिए रशिया, चाइना, ताजिकिस्तान, यूक्रेन, कनाडा, अमेरिका आदि देशों में युवा पढ़ने जा रहे हैं।

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विदेशों में अध्ययन का निर्णय लेते वक्त आपको वहां की आवेदन प्रक्रिया की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। आवेदन प्रक्रिया जितनी लम्बी होगी आप उतने ज्यादा समय तक चिंताग्रस्त बने रहेंगे। इसलिए किसी ऐसे देश का चुनाव करें जहां एकीकृत आवेदन प्रक्रिया हो।

विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले युवाओं के मन में यह सवाल आता है कि कौनसा कोर्स और कॉलेज यूनिवर्सिटी में प्रवेश लें। इसका जवाब सरल या निश्चित नहीं है। क्योंकि हर स्टूडेंट की प्राथमिकताएं अलग-अलग होती हैं। इसलिए जिस देश में भी जाना चुनें वहां की सारी जानकारी लेने के बाद ही प्रवेश लें।

विदेशी यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्री किसी उम्मीदवार के रेज्यूमे को ज्यादा प्रभावशाली बनाती है। जिनके पास विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री होती है उनके पास जॉब के अवसर और अच्छी सैलेरी पैकेज मिलने की संभावना दूसरे युवाओं की तुलना में ज्यादा होती है। इसलिए अगर आप विदेश से डिग्री लेने की सोच रहे हैं तो इन सारे पहलुओं पर गहनता से विचार कर आगे बढें, सफलता मिलनी निश्चित है।

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भाषा और अध्ययन का माध्यम

अलग-अलग देश उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा के मीडियम के रूप में विभिन्न भाषाओं का पालन करते हैं। जर्मनी विश्वविद्यालय में पढ़ाई की प्लानिंग करने वाले युवाओं के लिए जर्मन भाषा का मूल ज्ञान आवश्यक है। साथ ही उन देशों के लिए जहां अंग्रेजी भाषा में कोर्स कराए जाते हैं, वहां की स्थानीय भाषा का ज्ञान छात्रों द्वारा फैकल्टी के साथ सामंजस्य बिठाने में भी मदद करता है।

स्टूडेंट्स सबसे पहले अपने कोर्स पर विचार करें और उस कोर्स के लिए जो कॉलेज-यूनिवर्सिटी या देश बेस्ट हो उसी में एडमिशन लें। प्रत्येक देश की यूनिवर्सिटीज की विभिन्न क्षेत्रों में अपनी-अपनी स्पेशलिटीज हैं। इसलिए अपने लिए प्रासंगिक देश के कॉलेजों में ही आवेदन करें।

विदेश में पढ़ाई करना आसान और सस्ता नहीं है, इसमें आपका अच्छा खासा पैसा खर्च हो जाता है। क्योंकि वहां सारा खर्च आपको डॉलर्स या यूरो में करना होता है जो कि भारतीय मुद्रा की अपेक्षा काफी महंगा होता है। शिक्षा की लागत न के वल कोर्स या ट्यूशन फी तक ही सीमित है जो आप कॉलेज को देते हैं। इसमें रहने, अध्ययन सामग्री, वीजा, बोर्डिंग और आवास इत्यादि सहित कुल लागत शामिल है। वहां बजट में रहकर चलना जरूरी है।

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