Rajasthan Politics : राजस्थान की सिय़ासत में जो कुछ भी चल रहा है उसमें भाजपा कुछ खास सक्रिय दिखाई नहीं दे रही है। ये जरूर है कि प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं ने अपने बयानों से इस मामले में मौजूदगी बनाए रखी है। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि भाजपा इस मुद्दे को भुनाना नहीं चाहती या भुना नहीं पा रही है। इसका जवाब इसी से मिल जाता है कि कल सतीश पूनिया कल भाजपा के सभी विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए थे। वहां उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को प्रदेश के पूरे घटनाक्रम से अवगत को कराया ही, साथ ही इस वक्त की सियासी जमीन के रुख की भी उन्हें जानकारी दी।
‘कांग्रेस की अंदरूनी कलह हमारी जीत में देगी योगदान’
दिल्ली में ही सतीश पूनिया ने मीडिया से बातचीत भी की थी। इस दौरान उन्होंने राजस्थान के मौजूदा सियासी भूचाल समेत 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के बारे में खुलकर बातचीत की। इस दौरान सतीश पूनिया ने कहा कि बीजेपी की राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। जिस तरह से राजस्थान के ये हालात सामने आए हैं। उसे देखते हुए तो भाजपा की रणनीति बहुत सरल थी। वो यह है कि बस चुनाव की तैयारी करो क्योंकि अब ज्यादा समय नहीं बचा है। पूनिया ने अगवे विधानसभा चुनाव में जीत के लिए 4 कारण को भी गिना दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी की धारणा, सत्ता विरोधी, संगठनात्मक कौशल तो हमारे पास था ही अब एक और चीज हमारी सफलता में योगदान देगी औफ वो है कांग्रेस के भीतर की अंदरूनी कलह ये चार कारण हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त हैं।
बागियों के खुले भाजपा के दरवाजे
दूसरी तरफ खबरों की मानें तो प्रदेश भाजपा किसी भी तरह के जोड़ तोड़ से सरकार बनाने के लिए इच्छुक नहीं है। बल्कि पार्टी ने बागियों ने अपने दरवाजे खुले रखे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इलेक्शन से पहले अगर भाजपा विपक्ष से होते हुए जाती है तो इससे उसे ज्यादा फायदा मिल सकता है। इस समय जो सियासी हालात बनते दिख रहे हैं उससे यह तो साफ है कि भाजपा इसे एक बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावों में जनता के ,सामने रखेगी और अपनी वोटों की जमीन पर उगी घास पर पानी डालने का काम करेगी।
चुनावों में दिखेगी भाजपा की ताकत
क्यों कि सतीश पूनिया ने अपने बयान में यह भी कहा था कि कांग्रेस के सीएम अशोक गहलोत पिछले चार सालों से अपनी कुर्सी बचाने में बिजी हैं। तो फिर पार्टी सत्ता में दोबारा कैसे आ सकती है। हम तो चुनावों के लिए पूरी तैयार हैं हम नहीं चाहते कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगे। हमें तो चुनावों में अपनी ताकत दिखानी है। चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और हमारी चुनाव संबंधी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।
पायलट समर्थकों के भाजपा संपर्क पर भी होगा विचार
जब सतीश पूनिया से यह सवाल पूछा गया कि क्या पायलट के समर्थक भाजपा के संपर्क में हैं तो उन्होंने कहा कि यह एक निराधार सवाल है। लेकिन भविष्य में ऐसे कुछ हालात बनेत हैं तो इस मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा। लेकिन ऐसे मामलों में सिर्फ केंद्रीय नेतृत्व ही विचार करेगा।
पूनिया ने यह भी कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों के बीच भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री आने वाले दिनों में राज्य का दौरा करेंगे। 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों के बीच भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री कल्याण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आने वाले दिनों में राज्य का दौरा करेंगे।
यह भी पढ़ें- विधायकों को नोटिस…गहलोत को क्लीन चिट.. अब आगे क्या, इन 5 बातों में समझिए गणित