जिस बुंदेलखंड से कभी सूखा, भुखमरी, बेरोजगारी-पलायन की खबरें और तस्वीरें आती थीं, उस बुंदेलखंड को अब विकास की उड़ान के नए पंख लग रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुंदेलखंड की जनता को एक्सप्रेस-वे का तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) साढ़े 10 बजे कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। जिसके बाद वे तीनों साढ़े 11 बजे जालौन के कथेरी टोल प्लाजा पहुंचे। जिसके बाद वे तीनों सीधे कार्यक्रम स्थल पर पगुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एक्सप्रेस का उद्घाटन किया और जनसभा को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के बनने से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो कम हुई है बल्कि इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेस वे सिर्फ वाहनों को ही गति नहीं देगा। बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा देगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की इस धरती ने अनगिनत शूरवीर पैदा किए हैं, उनके खून में भारतभक्ति बहती है। जहां के बेटी-बेटियों के पराक्रम ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है। उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेस का ये तोहफा देते हुए विशेष खुशी मिल रही है।
पिछली सरकारों पर जमकर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए पिछली सरकारों पर जमकर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लगे थे। जिस यूपी में गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट 30 साल से बंद पड़ा था। जहां अर्जुन डैम परियोजना को पूरा होने में 12 साल लगे, जहां अमेठी में रायफल कारखाना एक बोर्ड लगाकर पड़ा हुआ था। जहां रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री में सिर्फ रंगरोगन का ही काम चलता था। अब उसी उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतनी गंभीरता से काम हो रहा है। उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। पूरे देश में अब उत्तर प्रदेश की पहचान बदल रही है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे है बेहद महत्वपूर्ण
पीएम मोदी के संबोधन से पहले सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस यूपी और बुंदेलखंड की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम प्रदान करेगा। कोरोना महामारी के बावजूद इस एक्सप्रेस का काम तय समय पर सिर्फ 28 महीने में पूरा हुआ है। इस एक्सप्रेस का लोकार्पण बेहद महत्व रखता है।
यह है बुंदेलखंड एक्सप्रेस की खासियत
यह एक्सप्रेस वे चित्रकूट के भरतकूप स्थित गोंड़ा गांव से इटावा के कुदरैल तक फैला हुआ है। इसकी लंबाई 296 किलोमीटर की है। चार लेन का यह एक्सप्रेस वे करीब 14 हजार 850 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ है। इसे आगे 6 लेन बनाने की भी योजना है। इसका निर्माण यूपीडा ( उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ) के तहत हुआ है। यह एक्सप्रेस वे 7 जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया, इटावा शामिल है।
सिर्फ 6 घंटे में पूरा होगा चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर
सबसे खास बात यह है कि यह एक्सप्रेस वे चित्रकूट जिले में गोंड़ा गांव में एनएच-35 से इटावा जिले में कुदरैल गांव तक तो जा रहा है, लेकिन इसके आगे यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से जुड़ जाता है। इस एक्सप्रेस के शुरू होने के बाद चित्रकूट से दिल्ली का सफर करीब 6 घंटे में ही पूरा किया जा सकता है। जिसके लिए 12 से 13 घंटे तक का समय लग जाता है। इस लिहाज से अब चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर बेहद आसान हो जाएगा।
सिर्फ सफर ही नहीं आर्थिक गति को भी मिलेगी रफ्तार
बुंदेलखंड एक्सप्रेस के बनने से कनेक्टिवटी तो बढ़ेगी ही, बल्कि इससे आर्थिक विकास और नौकरिय़ों को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का कहना है कि इस एक्सप्रेस के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल एरिया विकसित कराया जाएगा। इसके लिए जालौन और बांदा को इंडस्ट्रियल हब की तर्ज पर विकसित कराया जाएगा।