Jaipur : दो दिवसीय ऑल इंडिया लीगल सर्विसेज मीट का आयोजन, CJI एन वी रमन्ना ने दिया संबोधन, अशोक गहलोत भी रहे मौजूद

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्रधिकरण की ओर से आज से शहर के JECC सीतापुरा में दो दिवसीय ऑल इंडिया लीगल सर्विसेज मीट का आय़ोजन हुआ। इस…

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्रधिकरण की ओर से आज से शहर के JECC सीतापुरा में दो दिवसीय ऑल इंडिया लीगल सर्विसेज मीट का आय़ोजन हुआ। इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, विधिक प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष यू यू ललित सहित सुप्रीम कोर्ट के कई जज और 22 हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मौजूद रहे। इसके अलावा 40 अन्य हाईकोर्ट के जज उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में सूबे के मुखिया अशोक गहलोत भी मौजूद रहे।

‘ज्यूडिशरी-ब्यूरोक्रेट्स रिटायरमेंट के बाद की सोचेंगे, तो कैसे काम चलेगा’

आज के इस उद्घाटन समारोह को सबसे अशोक गहलोत ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ज्यूडिशरी और ब्यूरोक्रेट्स रिटायरमेंट के बाद की सोचेंगे, तो कैसे काम चलेगा। पहले 4 सुप्रीम कोर्ट के जज प्रेस कांफ्रेंस करते हैंस लोकतंत्र को खतरे में बताते हैं। फिर उनमें से एक न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई चीफ जस्टिस बन जाते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में कुछ नहीं बदलता।  

एन वी रमन्ना ने की जस्टिस यू यू ललित की तारीफ  

मीटिंग में सीजेआई एन वी रमन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के ही जज यू यू ललित की तारीफ की। उन्हेंन कहा कि जस्टिस ललित की प्रेरणा से रिकॉर्ड एक करोड़ पेंडिंग मामलों का निस्तारण हुआ है। लेकिन अभी 4 करोड़ मामले सुनवाई के लिए बाकी है। इस सफलता के लिए लोक अदालतें भी प्रशंसा की हकदार है क्यों कि उन्हीं के जरिए इन मामलों का निस्तारण हो पाया है। एन वी रमन्ना ने लंबित मामलों के लिए ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्टर को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि संसधानों की मजबूती और वैकेंसी को समय पर भरा जाना बेहद जरूरी है।

‘करीब साढ़े 3 लाख कैदी जेल में, इनमें से कई हैं गरीब, बेल के लिए भी पैसे नहीं’

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग साढ़े 3 लाख से भी ज्यादा कैदी अभी अंडर ट्रायल हैं, वे जेलों में बंद हैं। इनमें से अधिकतर बेहद गरीब परिवार से हैं। उनका आचरण भी जेल में अच्छा है। लेकिन उनके पास जेल से बाहर निकलने के लिए बेल के लिए भी पैसे नहीं है। ऐसे में कई जिलों में जिला जज के नेतृत्व में कमेटी की गठन किया गया है, जो इन केसों को देखते हैं और जहां आवश्यकता होती हैं वे कैदी को बेल पर रिलीज करते हैं। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को देश में जमीनी स्तर तक कानूनी सहायता वितरण और सशक्तिकरण की एक मजबूत प्रणाली विकसित कर समाज के हर वर्ग के लिए न्याय हासिल करने के प्रयासों के लिए बधाई दी।

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