बालासोर (ओडिशा)। भारत ने कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-1’ का गुरुवार को ओडिशा तट के अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक अभ्यास परीक्षण किया। रक्षा विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अग्नि-1 एक अत्यंत सटीक मिसाइल प्रणाली है। स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के तत्वावधान में किए गए उपयोगकर्ता अभ्यास प्रक्षेपण परिचालन संबंधी और तकनीकी मापदंडों पर खरा उतरा। इससे पहले एक जून को इस केंद्र से मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। रक्षा मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि- 1’ का प्रशिक्षण प्रक्षेपण सफलता से किया गया।
अग्नि-1 मिसाइल की मारक क्षमता 700 किमी तक की है और यह 1000 किलोग्राम परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। ‘अग्नि-1’ मिसाइल को उन्नत सिस्टम प्रयोगशाला ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और रिसर्च सेंटर इमरात के साथ मिलकर विकसित किया है। डीआरडीओ अधिकारी ने बताया है कि ‘अग्नि-1’ एक सिद्ध उच्च परिशुद्धता वाली मिसाइल प्रणाली है।
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सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किए गए उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च ने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक मान्य किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 से 2500 किमी है। ये मिसाइल 15 मीटर लंबी और 12 तन वजनी है। मिसाइल 1000 किलो तक के पारंपरिक परमाणु हथियार और क्लस्टर एम्युनेशन ले जाने में सक्षम है।
मोबाइल लॉन्चरों से किया जा सकता है लॉन्च
मिसाइल को मोबाइल लॉन्चरों से लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जनवरी, 2002 को किया गया था। भारतीय सेना के स्ट्रेजिक कमॉड फोर्स के तहत ये मिसाइल सिस्टम आती है। इससे पहले भी कम दूरी तक मार करने वाली परमाणु सक्षम बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है, जिसकी मारक क्षमता 750 किमी से लेकर 3500 किमी तक है। मिसाइल भारत की रक्षा में निभा सकती है।
महत्वपूर्ण भूमिका पिछले साल अग्नि-5 मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया गया था, जिसकी मारक क्षमता पांच हजार किमी थी। यह मिसाइल एक शक्तिशाली हथियार है जो भारत की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह मिसाइल भारत को अपने दश्मनों के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरोध प्रदान करती है। अग्नि-1 मिसाइल एक ऐसी मिसाइल है जो 700 किमी दूर तक के लक्ष्य को परमाणु बम से मार सकती है।
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मई 1989 में किया था पहली बार परीक्षण
अग्नि-1 का पहली बार परीक्षण मई 1989 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत किया गया था। अग्नि-1 पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के 1000 किलोग्राम से अधिक के पेलोड के साथ 700 से 900 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकता है।