जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के आए परिणाम से एक बार फिर ये तय हो गया कि प्रदेश की जनता के मन में अभी भी भाजपा और कांग्रेस ही है। आमजन ने चुनाव परिणामों में एक बार फिर तीसरे मोर्चे को नकार दिया। हैरानी की बात तो ये है कि दो राज्यों में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।
आप को राजस्थान में 0.38 प्रतिशत वोट मिले, जबकि नोटा को 0.96 प्रतिशत वोट मिले। हालांकि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कुछ समय पहले आप ने जयपुर में तिरंगा यात्रा निकाली थी। यात्रा में पंजाब के सीएम भगवंत मान शामिल हुए थे, लेकिन उनकी इस यात्रा का प्रदेश की जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वहीं चुनाव प्रचार में भी आप पार्टी के प्रचारक प्रदेश से लगभग दूर ही रहे।
वहीं अन्य पाटियों का परिणाम भी ठीक नहीं रहा। तीसरे मार्चे के रूप में साथ आने की बात करने वाली पार्टियों के उम्मीदवार इस बार निर्दलीयों से ज्यादा सीटें भी नहीं ला सके। साल 2018 में 13 निर्दलीयों के मुकाबले अन्य पार्टियों के 14 प्रत्याशियों नेजीत दर्ज की थी। वहीं इस बार 8 निर्दलीयों के मुकाबले तीसरे मोर्चे सेजुड़े महज 7 उम्मीदवार जीते।
तीन पहीने पहले बनी पार्टी ने दिखाया दम
विधानसभा चुनाव से महज तीन महीने पहले बनी बीएपी चुनावों में सबसे बड़ी थर्ड पार्टी बनकर उभरी। बाप ने सबसे ज्यादा तीन सीटें जीतकर आप, आरएलपी और बसपा को पीछे छोड़ दिया। बाप पार्टी के अध्यक्ष राजकुमार रोत ने सबसे बड़ी 70 हजार वोटों से जीत दर्ज की।
आरएलपी ने खोई तीन सीटें
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) ने इस बार गेमचेंजर बनने के लिए आरएलपी ने 81 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। वहीं एसटी, एससी वोट बैंक को साधने के लिए बेनीवाल ने भीम सेना के चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी से भी गठबंधन भी किया था, लेकिन उनका से दावं उल्टा पड़ गया। पिछले चुनाव में रालोपा के 57 प्रत्याशी में से चार ने जीत दर्ज की थी।
वहीं इस बार उनका एकमात्र उम्मीदवार ही जीत दर्ज कर सका। वो जीत भी रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवाल के ही नाम रही। पार्टी के लिए ये चुनाव इतने खराब रहे कि खुद बेनीवाल भी खींवसर विधानसभा सीट पर महज 2 हजार 59 वोटों से जीत हासिल कर सके ।
बहुजन समाज पार्टी का परिणाम भी निराशाजनक
बहुजन समाज पार्टी के पिछले विधानसभा चुनाव में 6 उम्मीदवार जीते थे। इस बार पार्टी ने 155 प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन इस बार पार्टी महज दो सीट पर जीत दर्ज कर सकी। दो सीटों के अलावा बसपा के प्रत्याशी किसी भी सीट पर दूसरे पायदान पर भी नहीं आ सके ।
राष्ट्रीय लोक दल पार्टी एक सीट पर लड़ी और जीत गई
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में इस बार राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने प्रदेश में सिर्फ एक सीट भरतपुर से चुनाव लड़ा था। गठबंधन में कांग्रेस ने यह सीट आरएलडी के लिए छोड़ते हुए यहां अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा। आएलडी ने यहां से जीत दर्ज की।
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