नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने अहम कदम उठाते हुए बैंकों को यूपीआई नेटवर्क के जरिए पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों को ट्रांसफर करने की अनुमति दी है। इसके तहत कस्टमर्स के खाते में पैसे नहीं होने बाजवूद भी वो एक लिमिट तक पैसे का भुगतान कर सकते हैं। आरबीआई का यह निर्णय UPI सेवाओं को क्रेडिट कार्ड की तरह काम करने और भुगतान प्लेटफॉर्म के लगभग 30 करोड़ उपयोगकर्ताओं को कम मूल्य का क्रेडिट प्रदान करने में सक्षम करेगा।
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RBI का बड़ा ऐलान
RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई एक मजबूत मंच है जो भारत में 75% खुदरा डिजिटल भुगतान को संभालता है। RBI पहले ही कस्टमर्स को ओवरड्राफ्ट प्रदान करने की अनुमति दे दी है, जिसे वे UPI के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं। क्रेडिट लाइन से फंड ट्रांसफर करने की अनुमति अब बैंकों को क्रेडिट कार्ड जैसे लोन की संचरना करने में सक्षम बनाएगी।
यूपीआई को बढ़ावा
दास ने कहा, ‘RuPay क्रेडिट कार्ड को UPI से लिंक करने की अनुमति दी गई थी। फिलहाल UPI लेनदेन बैंकों में जमा खातों के बीच सक्षम हैं। कभी-कभी प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा इंटरमीडिएट किया जाता है, जिसमें वॉलेट भी शामिल है। अब बैंकों के पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों में से ट्रांसफर को सक्षम करके यूपीआई के दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव है।’
क्रेडिट कार्ड सबसे ज्यादा उपयोगी
बैंकरों का कहना है यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नए नियम बैंकों को 30 दिनों के लिए ब्याज मुक्त क्रेडिट और लेनदेन के लिए रिकॉर्ड अंक प्रदान करके क्रेडिट कार्ड के सम्मान अल्पकालीन लोन की संरचना करने की अनुमति देते हैं क्योंकि कस्टमर्स के लिए क्रेडिट कार्ड सबसे ज्यादा उपयोगी है।
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यूपीआई पेमेंट
बैंकों का कहना है कि क्रेडिट कार्ड ये सुविधाएं प्रदान कर सकता है क्योंकि वे व्यापारी से शुल्क लेते हैं। क्रेडिट कार्ड पर यूपीआई का लाभ यह है कि बैंकों को नए उपयोगकर्ताओं को साइन करने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल, बैंक उन्हीं कस्टमर्स को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराता है जो मौजूदा उसके ग्राहक हैं। बैंकों को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने, मर्चेंट्स को साइन अप करने या स्वाइप मशीन लगाने में खर्च नहीं करना पड़ेगा।