Ajmer : एडीए चैयरमेन बनाने के नाम पर 1 करोड़ 34 लाख रुपए हड़पे, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का पूर्व सचिव है पीड़ित

अजमेर। शहर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी से 1 करोड़ 34 लाख रुपए हड़पने के संबंध में मुकदमा दर्ज…

Ajmer

अजमेर। शहर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी से 1 करोड़ 34 लाख रुपए हड़पने के संबंध में मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ित ने चार महीने पहले थाने में भी परिवाद दिया था और एडीए चैयरमेन के नाम पर हुई ठगी की शिकायत दी थी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आरोपी है पीड़ित का दोस्त

सिविल लाइन थाने के उपनिरीक्षक भवानी सिंह ने बताया कि न्यायालय से एक परिवाद मिला। जिसके आधार पर अजमेर के ओंकार नगर निवासी प्रदीप शर्मा, दिल्ली निवासी धर्मेन्द्र जोशी, कर्णव जोशी और नरेन्द्र शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। परिवाद में पीड़ित भोंपा का बाड़ा सोफिया स्कूल के पीछे रहने वाले विष्णु भाटी से एडीए चैयरमेन बनाने के नाम पर 1 करोड़ 34 लाख रुपए आरोपियों ने हड़प लिए।

पीड़ित ने बताया कि प्रदीप शर्मा उसका मित्र है, उसने उसे बातों में उलझाते हुए कहा कि उसका दिल्ली निवासी साडू धर्मेन्द्र जोशी कांग्रेस में अच्छी पकड़ रखता है और वह उसे बड़ा पद भी दिलवा सकता है। आरोपी प्रदीप के कहे अनुसार पीड़ित व उसका चचेरा भाई उत्तम भाटी दिल्ली गए। जहां पर धर्मेन्द्र जोशी की भेजी गई गाड़ी से वह उसके बताए गए स्थान पर पहुंचे।

होटल में करवाई थी मुलाकात

पीड़ित ने परिवाद में बताया कि आरोपी धर्मेन्द्र जोशी ने एक होटल में उसकी मुलाकात कुछ लोगों से करवाई और कहा कि यह कांग्रेस में बड़े पदों पर हैं। यह अजमेर विकास प्राधिकरण के चैयरमेन का पद आपको दिलवा देंगे। इसके लिए अमानत के तौर पर ढ़ाई करोड़ रुपए लिए जाएंगे, जिससे कि उनके कहे अनुसार काम कर सको। पीड़ित ने जब विश्वास दिलवाने का प्रयास किया तो आरोपी धर्मेन्द्र जोशी ने आश्वस्त किया कि यह राशि वापस की जाएगी। यह राशि भी उसके मित्र प्रदीप शर्मा को देने की बात कही।

बस स्टैंड तक भी छोड़ा

पीड़ित ने कहा कि बातचीत होने के बाद आरोपी धर्मेन्द्र जोशी ने अपनी गाड़ी से उन्हें बस स्टेैण्ड छुड़वाया। जहां से वह अजमेर आ गए। इसके चार दिन बाद ही आरोपी प्रदीप शर्मा ने उससे मिलकर रूपए की व्यवस्था करने की बात कही। पीड़ित ने परिवाद के जरिए कहा कि वह नकद, चैक, ऑनलाइन व विभिन्न तरीकों से 1 करोड़ 34 लाख रुपए आरोपियों को दे चुका है, इसके बावजूद भी कोई नियुक्ति नहीं हुई और आरोपी उसे टरकाने लगे तो उसे अपने साथ धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ।

जांच अधिकारी पर आरोप

पीड़ित विष्णु भाटी ने न्यायालय में पेश किए परिवाद में बताया कि सिविल लाइन थाने में दिसम्बर माह में परिवाद दिया था। जिस पर अनुसंधान अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और उसकी सामाजिक और आर्थिक प्रतिष्ठा को धूमिल किया। आरोपियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने से परेशान होकर उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। सिविल लाइन थाने के उपनिरीक्षक भवानी सिंह ने कहा कि न्यायालय से मिले इस्तगासे के आधार पर प्रदीप शर्मा, धमेन्द्र जोशी, नरेन्द्र शर्मा और कर्णव जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है।

(रिपोर्ट- नवीन वैष्णव)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *