Rajasthan Election : राजस्थान के चुनाव को सिर्फ 6 महीने ही बाकी हैं। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के आलाकमान ने प्रदेश में चुनावी माहौल बनाना शुरू कर दिया। इस चुनावी समर में प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी पार्टी और सरकार का जमकर धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। तो कांग्रेस के बाद अब बीजेपी की तरफ से नरेंद्र मोदी इस चुनावी समर में गोता लगाने के लिए उतर गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 10 मई को राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे को लेकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह भी लगातार प्रदेश के दौरे करेंगे।
चुनावी माहौल में प्रधानमंत्री का यह दौरा चुनावी ना हो यह तो हो नहीं सकता। ऐसे में राजस्थान आकर वे प्रदेश की जनता को कई बड़ी सौगात दे सकते हैं। जैसे वह हर बार करते हैं। इससे पहले भी वही जब-जब राजस्थान आए हैं उन्होंने हर समुदाय को सामाजिक सरोकारों से अभिभूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से अब प्रदेश के भाजपा नेताओं को काफी उम्मीद जगी है कि उनकी यह यात्रा प्रदेश के कई जिलों में उन्हें राजनीतिक लाभ पहुंचाएंगी। इनमें 4 जिले ऐसे हैं जहां प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का सीधा-सीधा असर होगा। इनमें सिरोही, जालोर, राजसमंद, उदयपुर शामिल है। इन जिलों में कुल मिलाकर 2 दर्जन विधानसभा सीटें हैं।
सिर्फ नरेंद्र मोदी ही नहीं केंद्रीय नेतृत्व के दूसरे नेता भी राजस्थान के दौरे करेंगे। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक मई के तीसरे सप्ताह में जेपी नड्डा कोटा संभाग में बूथ कार्यकर्ता महासम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं। इसे लेकर संगठन महामंत्री बीते दो दिनों से कोटा बूंदी क्षेत्र के दौरे पर हैं और कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां कर रहे हैं। यही नहीं इस महीने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जयपुर और उदयपुर के दौरे पर आ सकते हैं।
दूसरी तरफ गृह मंत्री अमित शाह भी जून महीने में राजस्थान का दौरा करेंगे। वे जयपुर और बीकानेर संभाग में ताबड़तोड़ दौरे करेंगे और प्रदेश के मतदाताओं को साधने की कोशिश करेंगे। प्रदेश के नेता यह संभावना जता रहे हैं कि शीर्ष नेतृत्व के राजस्थान में आने पर उन्हें कई तरह के चुनावी मदद मिल सकती है क्योंकि इन नेताओं का हर आम जनता में खासा प्रभाव माना जाता है। ऐसे में जाहिर है कि इन नेताओं के दौरों और जनसंपर्क से भाजपा की चुनावी जमीन काफी मजबूत हो सकती है। जो भाजपा को 73 सीटों के पार पहुंचाने में सहायता करेंगे।