जयपुर,निज़ाम कंटालिया: राज्य की सरकारी स्कूलों में चित्रकला और संगीत के अधिकांश आर्ट टीचर्स के पास आर्ट में ग्रेज्यूऐशन की डीग्री तक नहीं है..ये तथ्य खुद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में स्वीकार किए है. राजस्थान हाईकोर्ट ने अब इस मामले में राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह राज्य की प्रत्येक सरकारी स्कूल में आर्ट टीचर के पद सृजित कर उनकी नियुक्ति के लिए एक एक्शन प्लान तैयार करें.
सरकार को चार सप्ताह का समय
राज्य की सरकारी स्कूलों में लगे गैर योग्यताधारी आर्ट टीचर्स को लेकर भी मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले में बड़ी टिप्पणी की हैं.. खंडपीठ ने कहा कि बिना ग्रेज्यूऐशन के स्कूलों में लगे आर्ट टीचर सिर्फ एक प्रकार का अरेंजमेंट हैं..राज्य की प्रत्येक स्कूल में उचित तरीके से आर्ट टीचर की नियुक्ति की जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने इस मामले में प्लान पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है..
आरटीआई के तहत जरूरी नियुक्ति
मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने ये आदेश विमल शर्मा की ओर से दायर याचिका में दिए है. विमल शर्मा की ओर से पैरवी करते हुए अधिवकता तनवीर अहमद ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य की सरकारी स्कूलों में चित्रकला और संगीत के आर्ट टीचर्स की लंबे समय से रेगुलर नियुक्ति नहीं कि गयी है. और वर्तमान में स्कूलों में कार्यरत आर्ट टीचर के पास जरूरी योग्यता भी नहीं है. याचिका में कहा गया कि आरटीई एक्ट के अनुसार प्रत्येक स्कूल में विधिवत तरीके से योग्य आर्ट टीचर की नियुक्ति किया जाना आवश्यक है.हाईकेार्ट ने सरकार को राज्य की प्रत्येक स्कूल में आर्ट टीचर की रेगुलर नियुक्ति के लिए पद सृजित करने और नियुक्ति के लिए एक्शन प्लान बनाकर पेश करने के आदेश दिए है.
क्या 1 लाख पद सृजित करने होंगे
हाईकोर्ट के आदेश अगर पालना कि जाती है तो राज्य में करीब 70 हजार स्कूलों के अनुसार इतने ही पद सृजित किए जा सकते है. राज्य में वर्तमान में 29332 प्राईमरी, 17458 प्राईमरी विथ अपर प्राईमरी, 19400 प्राईमरी अप्रर प्राईमरी मिडल और 195 अपर प्राइमरी स्कूल मौजूद हैं. ऐसे में सरकार को चित्रकला और संगीत दोनो विषय के लिए अगर आर्ट टीचर की नियुक्ति करती है तो 1 लाख से अधिक पदों का सृजन करना होगा.