black holes : वाशिंगटन। खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दो ब्लैक होल की खोज की है। इसके लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के गैया मिशन के डेटा का इस्तेमाल किया गया है। ईएसए के मुताबिक इन दोनों ब्लैक होल्स का नाम गैया बीएच1 और गैया बीएच2 है। गैया बीएच1 हमारे सौर मंडल से आफियूकस तारामंडल की तरफ सिर्फ 1,560 प्रकाश वर्ष दूर है। गैया बीएच2 सेंटौरस तारामंडल की तरफ करीब 3,800 प्रकाश वर्ष दूर है। ये दोनों ब्लैक होल हमारे सूर्य से करीब 9 से 10 गुना ज्यादा बड़े हैं और हमारी अपनी आकाशगंगा के अंदर हैं।
अब तक नजर क्यों नहीं आए!
ये ब्लैक होल व्यावहारिक रूप से अदृश्य हैं। पहले वैज्ञानिक, ब्लैक होल की खोज उन अवशेषों को देखकर किया करते थे, जो ब्लैकहोल का भोजन बनते थे। नासा के मुताबिक, जब कोई तारा या इंटरस्टेलर गैस का बादल किसी ब्लैक होल में गिरता है, तो वह अपने पीछे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन छोड़ता है, जिससे वैज्ञानिकों को ब्लैक होल होने का पता चल सकता है, लेकिन ये खोज पिछली खोजों से अलग है क्योंकि ये दोनों पूरी तरह से अंधकारमय हैं।
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बारीकी से जांच में हुई इनकी खोज
शोधकर्ताओं को सूर्य जैसे दो तारों की गतिविधियों को ध्यान से ट्रैक करके इन ब्लैक होल का पता लगा। शोधकर्ताओं ने देखा कि अंतरिक्ष में तारे कुछ डगमगा रहे थे। इससे पता चलता है कि वहां बहुत ज्यादा गुरुत्वाकर्षण होगा या फिर कोई दूसरा तारा उन्हें अपनी तरफ खींच रहा होगा, लेकिन जब दूरबीन से बारीकी से जांच की तो वहां उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे रेडिएशन आ रही हो। गणित के मुताबिक, ऐसा तभी होता है जब वहां कोई ब्लैक होल हो।