China Moon Mission : बीजिंग। चीन का चांग’ई-4 स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा के दूसरे हिस्से पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान है। यह स्पेसक्राफ्ट आश्चर्यजनक पैनोरमा को खींच रहा है और चंद्रमा के मेंटल से खनिजों का नमूना ले रहा है। इस स्पेसक्राफ्ट की खोज ने अब वैज्ञानिकों को चांद की परत को और बेहतर तरीके से देखने में सक्षम बना दिया है। इस खोज से अब वैज्ञानिक चंद्रमा के ऊपरी सतह के 1000 फीट को कहीं अधिक सूक्ष्मता के साथ देख सकतेहैं।
इस अध्ययन का परिणाम 7 अगस्त को प्रकाशित हुआ । चांग’ई-4 के साथ युतु-2 नाम का एक रोवर भी चंद्रमा पर भेजा गया था। यह रोवर लूनर पेनेट्रेटिंग रडार नाम की टेक्नोलॉजी से लैस है। अध्ययन के लेखक जियानकिंग फेंग ने कहा, ‘यह युतु-2 रोवर को चांद की सतह में गहराई तक रेडियो सिग्नल भेजने में सक्षम बनाता है। इसके बाद यह टकराकर आने वालेसिग्नल को सुनता है।
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4.51 अरब साल पहले बना चंद्रमा
वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा चंद्रमा 4.51 अरब साल पहले बना था। तब मंगल ग्रह के आकार की एक वस्तु पृथ्वी से टकराई थी और हमारे ग्रह का एक हिस्सा टूट गया था। इसके बाद 20 करोड़ वर्षों तक अंतरिक्ष से चंद्रमा पर चीजें गिरती रहीं। इनमें दरारें थीं, जिनमें लावा बहता था। चांग’ई-4 के नए डेटा से पता चलता है कि समय के साथ यह प्रक्रिया धीमी होती जा रही है। माना जाता है कि आज से एक अरब साल पहले चंद्रमा पर ज्वालामुखीय गतिविधियां खत्म हो गईं।
क्या मिला सतह की गहराई में
फेंग ने कहा कि अभी जो आंकड़े आए हैं, उनसे पता चलता है कि चंद्रमा की सतह से 130 फीट की गहराई तक का हिस्सा धूल, मिट्टी और टूटी चट्टानों की कई परतों से बना है। यह सभी एक क्रेटर में मिलीं, जो एक बड़ी टक्कर के बाद बना होगा। फेंग और उनके सहयोगियों का अनुमान है कि टक्कर के कारण इस संरचना के आसपास का मलबा बाहर निकला। इसके नीचे वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के लावा की पांच अलगअलग परतों की खोज की है।
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