कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया में ट्रैपडोर मकड़ी की एक नई प्रजाति खोजी गई है, जो सिर्फ क्वींसलैंड में पाई जाती है। मकड़ी की इस दुर्लभ प्रजाति की एक मादा मकड़ी 20 साल तक जिंदा रह सकती है। यह 5 सेमी तक बड़ी (Trapdoor Spider) हो सकती है। ट्रैपडोर मकड़ी के लिहाज से यह बहुत बड़ा आकार है। इस प्रजाति के नर का शरीर तीन सेमी तक बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि जमीन की सफाई में दुर्भाग्य से मकड़ी के निवास स्थान बर्बाद हो गए हैं। इससे यह एक लुप्तप्राय: प्रजाति होने की ओर बढ़ गई है।
बुनती है 1.5 से 3 सेमी का जाल
ट्रैपडोर मकड़ियां पत्तियों के जरिए कीड़ों को पकड़ने वाला एक जाल बुनती हैं। ये जाल आम तौर पर 1.5 सेमी से 3 सेमी तक होते हैं। मकड़ी की इस नई प्रजाति का नाम यूओप्लोस डिग्निटास है। यह गोल्डन ट्रैपडोर मकड़ी की प्रजाति है जिसे ब्रिगालो बेल्ट के अर्ध-शुष्क वुडलैंड् स में खोजा गया है। इसे खोजने वाले क्वींसलैंड (Trapdoor Spider) के वैज्ञानिकों ने कहा कि लैटिन भाषा में इसके नाम का अर्थविविधता या महानता से होता है, जो मकड़ी के प्रभावशाली आकार और प्रकृति को दर्शाता है।
बिल में रहती है मादा मकड़ी
इस प्रजाति की मादा पर लाल-भूरे रंग का आवरण होता है, जबकि नर में हनी रेड रंग की बाहरी परत और भूरे रंग का पेट होता है। यूओप्लोस डिग्निटास खुले में रहती है और काली मिट्टी में बिल बनाती है। मादा मकड़ियां बिल में ही जीवन बिताती हैं। वहीं नर पांच से सात साल के बाद एक दूसरे साथी की खोज में बिल से निकल (Trapdoor Spider) जाते हैं। इस प्रजाति की एक मादा 1960 के बाद क्वींसलैंड में मिली। मई 2021 में सड़क से कई सौ मीटर की दूरी पर ऐसी मकड़ी मिली थी।
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