यूक्रेन युद्ध के व्लादिमीर पुतिन ने 3 लाख रिजर्व रूसी सैनिकों के तैनाती के आदेश दिए हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब रूस इतनी बड़ी तादाद में सैन्य तैनाती करने जा रहा है। उनके इस फैसले से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश रूस को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पुतिन ने अमेरिका और नाटो को न्यूक्लियर ब्लैकमेल करने पर भी चेतावनी दी। पुतिन ने कहा कि यह कोई मजाक नहीं है, हम पूरी ताकत के साथ अपने शस्त्रागारों का इस्तेमाल करेंगे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती से पुतिन का प्लान क्या है।
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पुतिन की सैन्य तैनाती एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। वह जल्द से जल्द पूर्वी यूक्रेन के कब्जा किए गए चार क्षेत्रों को रूस में शामिल करने की योजना बना रहे हैं। रूसी सेना पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के दो-दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कब्जा जमा चुकी है। जल्द ही इन इलाकों को औपचारिक रूप से रूस में शामिल करने के लिए जनमत संग्रह करवाया जाएगा।
रूसी कब्जे वाले क्षेत्र के अधिकारियों ने बताया है कि जनमत संग्रह के लिए मतदान 23 सितंबर से शुरू होकर 27 सितंबर तक चलेगा। ऐसे में यूक्रेन भी पूरी ताकत के साथ रूस को जवाब देने की कोशिश कर सकता है।
यूक्रेन बोला- इससे सच नहीं बदलने वाला
रूस के इस फैसले पर यूक्रेन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। यूक्रेन ने जनमत संग्रह के फैसले को रूस का स्टंट करार दिया है। यू्क्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट किया कि यह सिर्फ दिखावा है। जनमत संग्रह से कुछ भी नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेनी भूमि के कुछ हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा करने वाला एक हमलावर रहा है और बना हुआ है। यूक्रेन को अपने क्षेत्रों को मुक्त करने का पूरा अधिकार है।