वॉशिंगटन। ब्लैक होल हमारे अंतरिक्ष की सबसे रहस्यमय चीजों में से एक है। नासा ने हाल ही में को घोषणा की है कि वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की मदद से सबसे दूर पर मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल का पता लगाया है। बताया जाता है कि यह ब्लैक होल इतना पुराना है कि बिग बैंग के 57 करोड़ साल बाद ही अस्तित्व में आ गया था।
यह गैलेक्सी CEERS 1019 के केंद्र में स्थित है। इसका द्रव्यमान 90 लाख सूर्यके बराबर है। वैज्ञानिकों ने इसके अलावा दो छोटे ब्लैक होल का भी पता लगाया है जो बिग बैंग के 1 से 1.1 अरब साल के बाद बने। इसके अलावा कई और ब्लैक होल हैं जिनमें अरबों सूर्यका द्रव्यमान है।
ब्लैक होल के हैं कई रहस्य
CEERS सर्वे डेटा का इस्तेमाल करने वाले तीन अलग-अलग अध्ययन प्रकाशित हुए हैं। नासा ने कहा, ‘यह ब्लैक होल पहले खोजे गए अधिक विशाल ब्लैक होल जितना चमकीला नहीं है। हालांकि, अभी यह समझना मुश्किल है कि ब्रह्मांड की शुरुआत के तुरंत बाद आखिर यह कैसे पैदा हो गया।’ स्टडी का नेतृत्व करने वाली रेबेका लार्सन ने कहा, ‘इस दूरबीन के जरिये इतना दूर तक देखना ठीक उसी तरह है, जैसे हम अपने करीब की आकाशगंगाओं के ब्लैक होल को देख रहे हैं।’
शनि ग्रह की भी खींची थी फोटो
टीम ने डेटा में पाया कि आकाशगंगा यथासंभव अधिक गैस की खपत कर रही है और नए तारे भी पैदा कर रही है। जेम्स वेब ने हाल ही में सौर मंडल में मौजूद शनि ग्रह की तस्वीर भी खींची थी। इस तस्वीर में शनि के छल्ले बेहद चमकदार दिख रहे थे। शनि की इस तस्वीर को देख कर खगोलविद भी हैरान थे। तस्वीर में शनि ग्रह के छल्ले चमक रहे थे। तस्वीर में शनि ग्रह का चांद डायोन, एन्सेलेडस और टेथिस भी साफ-साफ दिखाई दे रहा था।
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