वाशिंगटन। कुछ साल पहले ऐसे ही एक प्लैनेट की खोज की गई थी, जिसे अब तक का ‘सबसे अंधकारमय ग्रह’ माना जाता है। यह विशालकाय एक्सोप्लैनेट, कोयले से भी ज्यादा काला है। नासा के केपलर स्पेसक्राफ्ट ने इसकी खोज की थी, जो सूरज जैसे तारे के आसपास मौजूद है। यह 750 प्रकाश वर्ष दूर ड्रेको नक्षत्र की दिशा में मौजूद है। यह विशालकाय गैसीय ग्रह सूर्य की रोशनी के 1% से भी कम हिस्से को परावर्तित करता है। यही बात इसे सबसे ज्यादा काला बनाता है।
अवशोषित कर देता है पूरे प्रकाश को
शोधकर्ताओ ने कहा, ‘यह कोयले के सबसे काले टुकड़े से भी ज्यादा काला है। यह आपके डार्क ऐक्रेलिक पेंट से भी ज्यादा काला है। यह विचित्र है कि कैसे यह विशालकाय ग्रह उस पर पड़ने वाले पूरे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है। बृहस्पति ग्रह में सफेद और लाल रंग के बादल होते हैं, जो उस तक पहुंचने वाले सूर्य के प्रकाश के एक तिहाई से अधिक को परावर्तित करते हैं, लेकिन इस ग्रह में परावर्तक बादलों की कमी होती है।
गर्मी 980 डिग्री सेल्सियस की
इस एक्सोप्लैनेट का तापमान 980 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, क्योंकि इसका होस्ट-स्टार इससे सिर्फ 50 लाख किमी की दूरी पर मौजूद है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के को- ऑरर डेथ विड स्पीगल ने एक बयान में कहा था, ‘हालांकि यह पूरी तरह से काला नहीं है।’ उन्होंने बताया, ‘यह इतना अधिक गर्म है कि इसमें एक लाल चमक बाहर निकलती है, बिल्कुल किसी जलते अंगारे की तरह। शोधकर्ताओं के लिए ग्रह का अंधेरा एक अनुसलझा रहस्य है।
(एजेंसी)