नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) का भारत विरोधी अभियान फेल हो गया है। उनकी शह पर उधम मचा रहे खालिस्तान समर्थकों का जनमत संग्रह फ्लॉप साबित हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश कोलंबिया के 15 गुरुद्वारों में दूसरी बार बुलाए गए जनमत संग्रह में 2000 लोग भी इकट्ठा नहीं हो सके।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुश्किल से 1500 लोग ही अलग खालिस्तान के समर्थन में वोट कर पाए। खालिस्तान समर्थकों को उम्मीद थी कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का दांव चल जाएगा लेकिन उसे भी सिखों ने सिरे से खारिज कर दिया। इस जनमत संग्रह में कोई भी नया सिख ग्रुप शामिल नहीं हो सका।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां केवल युवा समूह ही नजर आया। खालिस्तानियों ने उसी सरे शहर में जनमत संग्रह का आयोजन किया था, जहां जून में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या जून में कर दी गई थी और ट्रूडो ने उस हत्या में भारत की संलिप्तता के बेबुनियाद आरोप लगाए थे।
वोट बताए 1.35 लाख, वास्तविक 2,398
सिख फॉर जस्टिस ने अनौपचारिक जनमत संग्रह केलिए ब्रिटिश कोलंबिया में दूसरे दौर का मतदान का आयोजन किया था। खालिस्तान जनमत संग्रह केलिए पहला मतदान 10 सितंबर को ब्रिटिश कोलंबिया में आयोजित किया गया था, लेकिन वह अधूरा रह गया था। 10 सितंबर को हुए पिछले जनमत संग्रह में 1.35 लाख वोटों का दावा किया गया था, लेकिन वास्तविक मतदान सिर्फ 2,398 वोट ही था।
ट्रूडो ने भारत पर लगाया था ये आरोप
भारत और कनाडा के संबंध पिछले महीने सबसे खराब स्थिति में आ गए जब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने जून में निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारियों के संभावित संबंध का आरोप लगाया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को “बेतुका और बेबुनियाद” बताते हुए खारिज कर दिया था। भारत ने कनाडा से अपनी धरती से सक्रिय आतंकियों और भारत विरोधी तत्वों पर सख्ती बरतने को कहा था और कनाडाई लोगों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थीं।
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