वाशिंगटन। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) जल्द ही काम करना बंद कर देगा। चीन ने तो तियांगोंग स्पेस स्टेशन बना ही लिया है, वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भी आने वाले सालों में अपना खुद का स्पेस स्टेशन तैनात करने की योजना बना रहा है। नासा ने कमर्शियल स्पेस स्टेशन्स डिजाइन करने के लिए तीन एरोस्पेस कंपनियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट किया है। इस बीच, यूरोप की मल्टीनेशनल एरोस्पेस कंपनी एयरबस ने भी इसमें हाथ आजमाने का फैसला किया है। हाल ही में कंपनी ने एयरबस लूप नाम के मल्टीपर्पस ऑर्बिटल मॉड्यूल के लिए अपना प्रस्ताव सामने रखा है।
इसका सेंट्रीफ्यूज है खास
इस मॉड्यूल में अस्थाई रूप से आठ एस्ट्रोनॉट्स आ सकते हैं। मिशन की जरूरतों के आधार पर हर डेक में मिशन के हिसाब से मशीनरी और इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाया जा सकता है, लेकिन इसका शायद सबसे दिलचस्प हिस्सा इसका सेंट्रीफ्यूज है, जिसमें दो वजन और दो क्रू पॉड हैं। इन पॉड्स में एक्सरसाइज बाइक होती हैं और इसमें एक क्रू मेंबर आ सकता है। यहां व्यक्ति नकली गुरुत्वाकर्षण वातावरण में वर्काउट कर सकता है।
यह सेग्मेंट है तीन लेवल का
एयरबस के इस मॉड्यूलर स्पेस सेग्मेंट में तीन डेक, एक सेंट्रीफ्यूज और चार क्रू सदस्यों के काम करने के लिए जगह होगी। इसके इंटीरियर डिजाइन में तीन लेवल (या डेक) हैं। इनमें ऊपर से नीचे तक एक हैबिटेशन डेक, एक साइंस डेक और एक सेंट्रीफ्यूज शामिल है, जो एक ही समय में दो लोगों के लिए ग्रैविटी स्टिम्यूलेट करता है। मॉड्यूल व्यास करीब 26 फीट और लंबाई करीब इतनी ही है और इसका वॉल्यूम 100 क्यूबिक मीटर है।
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