वॉशिंगटन। एक नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने हाल ही में आर्गोलैंड नाम के एक खोए हुए महाद्वीप के रहस्य का खुलासा किया है। अनुमान है कि यह प्राचीन भू-भाग 15.5 करोड़ साल पहले पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से अलग हो गया था। ऐसा माना जाता है कि यह दक्षिण पूर्व एशिया की ओर बढ़ते हुए लुप्त हो गया था। दरअसल, टेक्टॉनिक ताकतों के कारण इसमें खिंचाव हुआ और यह टूटा। इससे जुड़ा साक्ष्य ऑस्ट्रेलिया के उत्तरपश्चिमी तट पर स्थित गहरे समुद्री बेसिन अर्गो एबिसल मैदान में पाया गया था। एक भारतीय उपमहाद्वीप जो 12 करोड़ साल पहले अलग हो गया था वह आज भी बरकरार है।
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जोड़ने की कोशिश रही नाकाम
शोधकर्ताओं को इंडोनेशिया और म्यांमार के आसपास बिखरे प्राचीन भूमि के टुकड़ेमिले। उन्होंने कहा कि जब इन टुकड़ों से अर्गोलैंड को वापस बनाने की कोशिश की गई तो कुछ भी फिट नहीं हुआ। इसके बाद टीम ने आर्गोलैंड की उत्तर दिशा की यात्रा का पता लगाने के लिए दक्षिण पूर्व एशिया में सबूत इकट्ठा किए। प्राचीन भूमि के बिखरे हुए टुकड़ों के बीच उन्होंने 20 करोड़ साल पहले के छोटे महासागरों के अवशेषों की खोज की। इनका निर्माण संभवतः अर्गोलैंड में दरार पड़ने से पहले हुआ।
ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में था कही
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक नीदरलैंड के यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय में पृथ्वी विज्ञान के एक शोधकर्ता और इस स्टडी के प्रमुख लेखक एल्डर एडवोकाट ने कहा, ‘हमें पता था कि यह महाद्वीप ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में कहीं होगा, इसलिए हमें दक्षिण पूर्व एशिया में इस महाद्वीप के पाए जाने की उम्मीद थी।’ नए अध्ययन में एडवोकाट और उनके सहयोगियों ने कहा गया कि हमने एक महाद्वीप को नहीं खोया, बल्कि यह पहले से ही बहुत फै ला और खंडित था।
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