वाशिंगटन। अमेरिका की प्राइवेट कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स के रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर ‘ओडिसियस’ की मून पर लैंडिंग हो गई है। ऑडी के नाम से जाना जाने वाला यह लैंडर लगभग 50 साल बाद चांद की सतह पर उतरा है। 1972 में आखिरी अपोलो मिशन के बाद अमेरिका में बना कोई अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा की सतह पर उतरा है। यह छह पैरों वाला एक रोबोट लैंडर है जो भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा। इसके साथ ही यह 50 से अधिक वर्षों में यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान बन गया। इसी के साथ इंट्यूटिव मशीन्स (आईएम) चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करने वाला पहला निजी उद्यम बन गया है।
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चांद का दक्षिणी ध्रुव वही हिस्सा है, जिसके करीब भारत के चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर उतरा था। गौरतलब है कि अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जिसने चंद्रमा की सतह पर मनुष्यों को भेजा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि उसने इंट्यूटिव मशीन्स के पहले मिशन के लिए इस लैंडिंग साइट को चुना क्योंकि वह चंद्रमा के पर्यावरण के बारे में अधिक जानना चाहता था। नासा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाना चाहता है क्योंकि अंतरिक्ष एजेंसी का मानना है कि यह भविष्य के अंतरिक्ष यात्री बेस स्थापित करने के लिए सबसे अच्छा स्थान है।
खराबी के बावजूद कराई लैंडिंग
लैंडिंग से पहले ओडीसियस के नेविगेशन सिस्टम में कुछ खराबी आई थी। इसके बावजूद लैंडिंग कराई गई। यह स्पेसक्राफ्ट मून के साउथ पोल पर उतरा है। नासा से मिली जानकारी के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट की स्पीड लैंडिंग से पहले बढ़ी थी। इसलिए ओडीसियस ने मून का एक अतिरिक्त चक्कर लगाया था। एक चक्कर बढ़ने की वजह से लैंडिंग के समय में बदलाव हुआ।
पहले यह भारतीय समय के अनुसार सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था। इंट्यूटिव मशीन्स के सीईओ स्टीव अल्मस ने कहा कि मुझे पता है कि यह एक मुश्किल था, लेकिन हम सतह पर हैं। हम ट्रांसमिट कर रहे हैं। चांद पर आपका स्वागत है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक वीडियो संदेश के जरिए बधाई दी।
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