बीजिंग। चीन अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चाल चलने वाला है। ऐसा लगता है कि चीन आधुनिक युद्ध में मानव सैनिकों को रोबोट से बदलने की कोशिश में लगा है। चीन ने योजना बनाई है कि अगले 10 सालों के भीतर विदेशों से जुड़े मिशन में वह रोबोट सैनिकों और ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नए जमाने के ड्रोन विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम कर रही है। यह ड्रोन इंसानों की जगह लेंगे। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ड्रोन में लंबी दूरी तक उड़ान भरने, गहरे पानी में जाने और लंबे समय तक अदृश्य रहने की क्षमता होगी।
हमले के बाद पानी में गायब हो जाएंगे ड्रोन
कमांड मिलने पर ये ड्रोन टार्गेट की ओर बढ़ेंगे और घातक हमला करेंगे और फिर पानी में जाकर लहरों में गायब हो जाएंगे। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से प्रकाशित किए गए एक पेपर में एक काल्पनिक विदेशी विशेष अभियान के प्लान की डिटेल दी गई है, जहां ऐसी उन्नत ड्रोन टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया जा सकता है। इस परिदृश्य के मुताबिक 2023 में चीन और उसके एक पड़ोसी देश के बीच संघर्ष छिड़ जाता है। दोनों पक्ष कम खर्च रखने और व्यापक तनाव को रोकने के लिए केवल छोटे हथियारों, जैसे छोटी नावों, ड्रोन और विमान भेदी बंदूक का उपयोग करने पर सहमत हैं।
ऐसे किया जाएगा हमला
चीन और उसके दुश्मन के बीच बहुत गहराई वाली एक लंबी नदी बहती है। चीनी सेना को नदी के पार तेजी से चुपचाप हमला करने के लिए एक विशेष अभियान सौंपा गया है। यह टार्गेट एक महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान है जो नदी के किनारे छिपा है। पीएलए का तर्क है कि ऐसे मिशनों पर जाने के लिए बनाए गए ड् रोन सबसे अच्छेविकल्प होंगे। इन्हेंविशेष अभियानों के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए जो अकेले या झुंड में काम कर सकें। नदी की गहराई नेविगेट करनी चाहिए और दुश्मन की नावों पर टॉरपीडो लॉन्च करना चाहिए।