नई दिल्ली। अलगाववादी निज्जर की हत्या को लेकर भारत व कनाडा के बीच पैदा हुए विवाद में अब और तल्खी आ गई है। भारत द्वारा 41 राजनयिकों को हटाए जाने के बाद कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय कानून का राग अलापते हुए दुहाई दी। लेकिन, भारत ने भी वियेना कन्वेंशन का उदाहरण देते हुए कनाडा को दिखाया दिया। दरअसल, कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि राजनयिक छूट को एकतरफा हटाया जाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है।
कनाडा के आरोपों के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को सफाई देते हुए कहा कि भारत ने किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून या मापदंड को नहीं तोड़ा है। भारत में कनाडाई राजनयिकों की भारत के मुकाबले ज्यादा तादाद और हमारे अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी के मद्देनजर यह जरूरी था कि दोनों देशों के बीच नई दिल्ली और ओटावा, दोनों जगह पर राजनयिक स्तर में समानता हो। इसके लिए पिछले महीने से कनाडा के साथ वार्ता चल रही थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की मांग और एक्शन वियेना कन्वेंशन के आर्टिकल 11.1 के तहत है, जो डिप्लोमैटिक संबंधों से जुड़ा है। ऐसे में इसे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने की किसी भी कोशिश को हम अस्वीकार करते हैं।
कनाडाई विदेश मंत्री ने लगाया था ये आरोप
कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा था कि राजनयिक को देश छोड़ने के लिए कहना सामान्य घटना नहीं है। पिछले 40-50 साल में ऐसा किसी देश ने नहीं किया है। यह वियेना कन्वेंशन के खिलाफ है और राजनयिक छूट को एकतरफा हटाया जाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है। अगर डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी को इसी तरह तोड़ा जाता रहा, तो कहीं कोई राजनयिक सुरक्षित नहीं रह पाएंगे।
जोली ने कहा था कि कूटनीति का एक बुनियादी सिद्धांत है और यह दोतरफा रास्ता है। यह तभी काम करता है जब हर देश नियमों का पालन करे।’ भारत ने कनाडा के इन आरोपों को लेकर नाराजगी जताई थी और इन्हें ‘बेतुका’ और ‘निहित स्वार्थ से प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया था। जोली ने कहा, ‘मैं स्पष्ट कहना चाहती हूं कि कनाडा सभी देशों पर लागू होने वाले अंतरराष्ट्रीय कानून की रक्षा करता रहेगा और भारत के साथ संपर्क जारी रखेगा। हमें एक दूसरे से बात करने की जरूरत है।
आखिर क्यों शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि 45 वर्षीय खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई हत्या में भारतीय एजेंट की संलिप्तता की ‘संभावना’ है। भारत में निज्जर 2020 में आतंकियों की सूची में शामिल था। कनाडाई पीएम के इस बयान के बाद से ही भारत और कनाडा में बीच विवाद पनपा, जो अब लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
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