अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को चेताते हुए कहा कि नाटो की एक इंच जमीन भी किसी को नहीं लेने देंगे और इसकी रक्षा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह चेतावनी पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को तेज करने के बाद आई है। उन्होंने व्हाइट हाउस में अपने एक संबोधन में कहा, “अमेरिका नाटो क्षेत्र के हर एक इंच जमीन की रक्षा के लिए हमारे नाटो सहयोगियों के साथ पूरी तरह से तैयार है।”
वहीं, दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने एक बार फिर रूस के साथ अपनी दोस्ती निभाई है। अमेरिका द्वारा लाए गए निंदा प्रस्ताव के समर्थन में हुई वोटिंग से भारत-चीन सहित चार देशों ने खुद को अलग कर लिया।
बाइडेन ने कहा, “मिस्टर पुतिन, मैं जो कह रहा हूं उसे ऐसे ही न समझें। हर इंच जमीन की रक्षा करेंगे।” इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन सैन्य गठबंधन (नाटो) में शामिल होने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत कर रहा है।
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भारत प्रस्ताव पर मतदान से रहा दूर
भारत शुक्रवार को यूएनएससी में अमेरिका व अल्बानिया द्वारा पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा, जिसमें रूस के ‘अवैध जनमत संग्रह’ और यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जे की निंदा की गई है। प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस यूक्रेन से सेना को तत्काल वापस बुलाए। 15 देशों को इस प्रस्ताव पर मतदान करना था। रूस ने इसके खिलाफ वीटो का किया, जिसके कारण प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। प्रस्ताव के समर्थन में 10 देशों ने मतदान किया और चार देश चीन, गाबोन, भारत तथा ब्राजील मतदान में शामिल नहीं हुए।
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पुतिन की धमकी से डरने वाले नहीं
बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा, “अमेरिका और उसके सहयोगी पुतिन की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।” आगे उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन की हरकतें इस बात के संकेत हैं कि वह संघर्ष कर रहे हैं। बाइडेन ने यह भी कहा कि वह अमेरिकी सहयोगियों के संपर्क में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन को जानबूझकर लीक किया गया था।