पाली। राजस्थान में कुछ जगहों पर पुरानी संस्कृति को भूलकर मॉर्डन बनने की धुन में लोग अलग तरीके से शादी-ब्याह करते है। बीते कुछ सालों में लोग अपनी शादियों में प्री-वेडिंग सहित अन्य अनावश्यक आयोजनों करते है। इन आयोजनों पर शादी में बेहिसाब खर्चा होता है। शादियों में बढ़ रहे अनावश्यक आयोजनों पर होने वाले बेहिसाब खर्च पर पाली के एक समाज ने रोक लगाने की पहल की है। सीरवी समाज ने शादी में अनावश्यक आयोजनों पर रोक लगा दी है। इनमें प्री वेडिंग शूटिंग पर रोक लगाने के साथ ही शादी से पहले लड़का-लड़की के साथ बाहर घूमने जाने पर भी रोक लगा दी है। साथ ही डीजे सहित मेहंदी के आयोजन पर रोक भी शामिल हैं। पाली में सीरवी समाज परगना समिति द्वारा यह फैसला लिया गया है। अब गुरु पूर्णिमा के बाद आयोजित होने वाले शादी समारोह में नियमों का पालन करना होगा।
भारतीय संस्कृति की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक…
दरअरल, सीरवी समाज की ओर से शादी समारोह के दौरान बढ़ते बजट पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए मध्यम एवं निर्धन तबके को अप्रत्यक्ष रूप से राहत प्रदान की है। सीरवी समाज के पदाधिकारियों ने शादी से पहले प्री वेडिंग शूटिंग को भारतीय संस्कृति के भी खिलाफ बताते हुए यह महत्पूर्ण निर्णय लिया है।
शादी में फिजूलखर्ची पर रोक जरूरी…
बता दें कि पिछले कुछ सालों से शादी से पहले प्री-वेडिंग का चलन बढ़ गया है, जिसमें विवाह का आधा बजट का पैसा इस पर खर्च होता है। इसी प्रकार सभी शादियों में डीजे जरूरी हो गया है। शादियों में डीजे को तेज आवाज में बजाना फैशन ही बन गया है, जिसके चलते कई समाज पूर्व में भी इस प्रकार के आयोजनों पर रोक लगाने के लिए अब आगे आ चुके हैं। जिसके तहत इन आयोजनों पर रोक लगाने सहित फिजूलखर्ची रोकने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
अब बनाए ये नियम…
सीरवी समाज परगना समिति पाली की सोनाई मांझी गांव में आयोजित बैठक में कुछ इसी प्रकार की सकारात्मक पहल की गई है। इस बैठक में सर्वसम्मति से विवाह आयोजनों में होने वाले फालतू के खर्चों को कम करने के लिए बंदोली में डीजे एवं हल्दी की रस्म पर भी रोक लगाई है। इसी के साथ दूल्हे को अब शादी में क्लीन शेव आने का नियम बनाया गया है, यानी अब दूल्हा दाढ़ी बढ़ाकर बारात लेने नहीं आ पाएगा।
समाज की बैठक में हुए ये महत्पूर्ण निर्णय…
पाली जिले के सोनाईमांझी गांव में सीरवी समाज परगना समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उपस्थित समाजबन्धुओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि समिति के दायरे में जो गांव शामिल हैं। उन गांवों में रहने वाले समाजबंधु अपने बच्चों की शादी में प्री वेडिंग शूट नहीं करवाएंगे। साथ ही शादी से पहले लड़का व लड़की एक साथ बाहर घूमने के लिए नहीं भेजा जाएगा। अब गुरु पूर्णिमा के बाद आयोजित होने वाले शादी समारोह में नियमों का पालन करना होगा।
पाली में पहले भी कई समाज ले चुकी हैं ऐसे निर्णय…
गौरतलब है कि साल 2022 में भी पाली जिले में कुछ समाजों ने शादी में ऐसे ही नियम बनाए थे। जिसके तहत दूल्हे के दाढ़ी रखने पर पाबंदी लगा दी गई थी। इन समाज के मुखियाओं का कहना था कि दाढ़ी बढ़ाकर दूल्हे का बारात लाना हमारी परंपरा में नहीं है। इसलिए दूल्हे को तो दुल्हन लेने क्लीन शेव ही आना पड़ेगा।