अलवर। रणथम्भौर की युवा बाघिन टी-134 ने अब सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाया। गुरुवार को रणथम्भौर से बाघिन टी-134 सरिस्का में शिफ्ट किया गया। रणथम्भौर से बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके सरिस्का लाया गया है। युवा बाघिन के सरिस्का आने के बाद यहां बाघों का कुनबा 28 हो गया है। गौरतलब है कि रणथम्भौर में बढ़ती संख्या को देखते हुए बाघों को सरिस्का शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ समय पहले एक युवा बाघ T-114 को सरिस्का में शिफ्ट किया गया था।
अब एक युवा बाघिन को भी रणथम्भौर से सरिस्का शिफ्ट किया गया है। सरिस्का की टीम ने रणथम्भौर के जंगलों में गुरुवार सुबह बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया। इसके बाद उसे रेडियो कॉलर लगाया गया। इस प्रकिया के बाद बाघिन को सड़क मार्ग से सरिस्का ले जाया गया। जंगल में छोड़ने से पहले कुछ दिनों तक बाघिन को सरिस्का में बने नए एंक्लोजर में रखा जाएगा।
अब तक रणथम्भौर से आए टाइगर
एसटी 1, एसटी 2, एसटी 3, एसटी 4, एसटी 5, एसटी 6, एसटी 9, एसटी 10, एसटी 16 व एसटी 29, एसटी 134 जो कि अब एसटी 30 के नाम से जानी जाएगी। ये सभी टाइगर व टाइग्रेस रणथम्भौर से सरिस्का लाए गए हैं। इनमें कुछ की मौत हो चुकी है। अब सरिस्का में टाइगर की संख्या बढ़ने लगी है। कुछ दिन पहले दो नए शावक नजर आए थे। अब तक यहां टाइगर की संख्या 27 थी। अब नई टाइग्रेस आने से सरिस्का में 28 टाइगर हो गए हैं। टी-134 को टहला की तरफ छोड़ा जाएगा। इसका कारण यह है कि इस तरफ अन्य बाघों का मूवमेंट नहीं है।
तीन साल की है बाघिन
रणथम्भौर की बाघिन T-93 की युवा शावक T-134 रणथम्भौर क्षेत्र में टेरिटरी की तलाश कर रही थी। इसकी उम्र करीब तीन साल से ज्यादा है। अभी तक यह बाघिन मां नहीं बनी है। इसलिए सरिस्का प्रशासन ने बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट करने का फै सला लिया है। सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि बाघिन सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाएगी। सरिस्का में लंबे समय से बाघिन की जरूरत महसूस हो रही थी। ऐसे में दो बाघिन को सरिस्का में शिफ्ट किया जाएगा। एक बाघिन शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। कुछ समय बाद एक और बाघिन को रणथम्भौर से सरिस्का लाया जाएगा।
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