जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने इस घटना पर पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया में राजस्थान का जिक्र आने पर पलटवार करते हुए कहा कि मोदी ने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जिस तरह महिलाओं का अपमान हुआ, उससे पूरे देश की विश्व में बेइज्जती हुई है। इस पर 77 दिन तक मोदी चुप रहे। वे तब तक कुछ नहीं बोले जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आ गया। जयपुर में सीएमआर से मीडिया को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि देश की जनता मोदी सरकार के कारनामों व लापरवाही से दुखी है।
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने की घटना पर कहा था कि घटना चाहे राजस्थान की हो, चाहे छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की। हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य की सरकार को राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था को महत्व देना चाहिए और नारी के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। मोदी के इस बयान ने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है।
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भाजपा झूठे आरोपों से करती है सिर्फ दुष्प्रचार
सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा जो लगातार राज्य सरकार पर आरोप लगा रही है उनके पास सिर्फ रटी-रटाई बातें हैं। उनके नेता नड्डा, अमित शाह और पीएम मोदी, जो राजस्थान में बार-बार आ रहे हैं वे और प्रदेश के नेता एक-सी बातें बोलते हैं। भाजपा के पास अब झूठे आरोप लगाने के अलावा कुछ सामान नहीं। हमारी योजनाओं और फैसलों से भाजपा के लोग बौखला गए हैं। इसलिए वो हमें बदनाम करने का माहौल बना रहे हैं, लेकिन इनके झूठे आरोपों को जनता समझ गई है। जनता पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। कितने भी झूठ बोलो, जनता में असर नहीं है। वहीं, वैभव गहलोत को लेकर मोदी व भाजपा की ओर से लगाए गए आरोपों पर गहलोत ने कहा कि अब तक तो नहीं सोचा, लेकिन अब लगता है कि वैभव के लिए भी कुछ सोचना पड़ेगा।
अगर मणिपुर में कांग्रेस सरकार होती तो…
गहलोत ने कहा कि मणिपुर की घटना से देश की 140 करोड़ जनता को शर्मसार होने की पीएम मोदी के बयान पर कहा कि जनता तो भाजपा सरकार के कारनामों, आपकी विफलता और लापरवाही से दुखी है। यह सब उस मणिपुर राज्य में हो रहा है जहां भाजपा की सरकार है। अगर वहां कांग्रेस की सरकार होती तो आप कल्पना कीजिए मोदी क्या-क्या नहीं बोलते?
स्थिति कं ट्रोल करने पर फोकस नही
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने बयान देकर अपना काम पूरा मान लिया, लेकिन इस स्थिति पर चर्चा नहीं की कि मणिपुर में स्थिति कंट्रोल कैसे होगी। एक प्रधानमंत्री की गरिमा होती है, लेकिन वे चुनावों में कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के दौरे कर रहे हैं। किसी भी पीएम को चुनाव को लेकर इस तरह प्रचार करते मैंने पहली बार देखा है। लेकिन वे मणिपुर, जो इसी देश का हिस्सा है, वहां हालात को कंट्रोल करने के लिए एक बार भी नहीं गए। यह शर्मनाक है कि एक राज्य में आग लग रही हो और फिर भी केंद्र सरकार विफल रही। अफसोस है, मणिपुर जल रहा है, वहां हजारों लोग मारे गए हैं, लेकिन पीएम कुछ नहीं कर रहे हैं।
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राजस्थान बना मिनिमम इनकम गारंटी देने वाला पहला राज
सीएम गहलोत ने कहा कि एक लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने सभी नागरिकों को बेहतर जीवनयापन के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करे, जिससे की उनके परिवार की आजीविका चल सके। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से उन्हें न्यूनतम आय की गारंटी देना भी सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए मिनिमम इनकम गारंटी देने वाला राजस्थान पहला राज्य बना। जिस प्रकार यूपीए सरकार में चार कानून आरटीआई, आरटीई, मनरेगा और एनएफएस बनाकर पूरे देश को सूचना, शिक्षा,रोजगार और खाद्य सुरक्षा की गारंटी दी गई, वैसे ही अब न्यूनतम आय की गारंटी की जरूरत है। इसलिए राजस्थान मिनिमम इनकम गारंटी अधिनियम पारित किया है। सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। मैंने कई बार पत्र लिखकर और कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर प्रधानमंत्री से देशभर में राइट टू सोशल सिक्योरिटी लागू करने की मांग की है, जिससे सभी राज्यों में एक समान पेंशन व रोजगार योजना बन सके।
योजनाओं कें लिए आ गया जादू से पैसा
मुख्यमंत्री गहलोत ने आरपीएससी को भंग करने की मांग को लेकर कहा कि इस तरह की मांग करने वालों को इतनी-सी अक्ल या नॉलेज होनी चाहिए कि यह संविधान के अंतर्गत बनी हुई संस्था है। कोई इसको भंग नहीं कर सकता। वहीं, उन्होंने कहा कि देश में हर सरकार पर कर्ज है, लेकिन हमारी विकास दर देश में दूसरे स्थान पर है। किसी भी राज्य को कर्जा देने का अधिकार केंद्र के पास है और कितना कर्जा दे सकते हैं, इसके नियम बने हुए हैं। मैंने कहा था कि योजनाओं के लिए जादू से पैसा आएगा।