जयपुर। सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) जिले के चर्चित फूल मोहम्मद हत्याकांड (Phool Mohammad Murder Case) मामले में सभी 30 आरोपियों (CI Murder Case Life Imprisonment To 30 Convicts) को हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। 12 साल पुराने मामले (12 year old Sawai Madhopur Murder Case) में हाईकोर्ट (Rajasthan High court) ने आरोपी बनवारी लाल मीणा, रामचरण मीणा, योगेंद्रनाथ, महेंद्र सिंह तंवर, हनुमान मीणा और पृथ्वीराज मीणा सहित सभी 30 आरोपियों की सजा को निरस्त कर दिया है। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए है। हाईकोर्ट ने बनवारी लाल मीणा सहित अन्य 17 के सजा स्थगन प्रार्थना पत्र पर आदेश दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता जीएस गिल, एसएस होरा, गिरीश खंडेलवाल, गोपालकृष्ण, अधिवक्ता राजेश गोस्वामी, कुलदीप शर्मा, मनोज राघव, हरीश कंडपाल, संदीप पाठक सहित, अधिवक्ता नितेश रावत, वीरेंद्र गोदारा, विवेक शर्मा, अशोक कसेरा, संजीव सोगरवाल ने पैरवी की।
नवंबर 2022 को कोर्ट ने सुनाई थी सजा…
बता दें कि चर्चित सीआई फूल मोहम्मद हत्याकांड मामले बीते 16 नवंबर को एसीजेएम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 30 आरोपियों को दोषी करार दिया था। साथ ही 49 आरोपियों को बरी कर दिया था। सीबीआई ने इस मामले की जांच कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई के वकील श्रीदास सिंह ने बताया, ‘अदालत ने मामले में तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक सहित 30 लोगों को दोषी माना था। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए सभी आरोपियों को आजीवन कारावास और अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग आर्थिक दंड की सजा सुनाई थी।’ साथ ही सभी 30 आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
यह था मामला…
17 मार्च 2011 को शहर के मानटाउन थाना क्षेत्र के सूरवाल गांव के लोग मृतका दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और पीड़ित के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे थे। इसी सिलसिले में थानाधिकारी सह पुलिस निरीक्षक फूल मोहम्मद समझाइश के लिए सुरवाल गांव गए थे। इसी दौरान राजेश मीणा व बनवारी लाल मीना नामक युवक बोतलों में पेट्रोल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी देने लगे। लोगों ने बनवारी को समझाइश कर नीचे उतार लिया, लेकिन राजेश मीना पेट्रोल से खुद को आग लगाकर टंकी से नीचे कूद गया। घटना से गुस्साए लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से सूरवाल गांव में तैनात मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद व पुलिस जवानों को निशाना बनाया और उनपर पथराव कर दिया। जान बचाने के प्रयास में फूल मोहम्मद जीप चलाकर भागने लगे। इस दौरान भीड़ ने उन पर पथराव कर दिया। जीप में मौजूद पुलिसकर्मी जैसे-जैसे वहां से भाग गए। पत्थर लगने से फूल मोहम्मद जीप में घायल हो गए। बाद में भीड़ ने जीप पर पेट्रोल छिड़ककर उनको आग लगा दी। इससे वह जिंदा जल गए थे। घटना के बाद राज्य सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया था और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
5 आरोपियों की ट्रायल के दौरान हो चुकी हैं मौत…
सबसे अहम बात यह थी कि अधिकारी के रूप में तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह कालबेलिया मौजूद थे और पूरी कार्रवाई उनकी निगरानी में ही हो रही थी। जब एसएचओ फूल मोहम्मद पुलिस जीप में फंस गए थे, तभी उनकी गाड़ी में आग लगा कर जिंदा जला दिया गया। इस घटना की पूरी जिम्मेदारी कालबेलिया पर आई। जांच के दौरान भी सीबीआई ने महेंद्र सिंह को इस हत्याकांड के लिए दोषी माना था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार उक्त हत्याकांड में पूर्व डीएसपी कालबेलिया का जुर्म साबित करने में मानटाउन थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश संजय बिहारी सबसे अहम गवाह था। संजय के बयान न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष होने से पहले ही उसकी जयपुर में हत्या हो गई। इस ट्रायल के दौरान पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है। जबकि अभी 3 आरोपी फरार ही हैं।
इस तरह 10 आरोपी हुए कम…
दरअसल, इस मामले में जो आरोपी थे उनमें से 5 की तो इन 11 सालों में मौत हो चुकी है, दो बाल अपचारी हैं जिन्हें निरुद्ध किया गया। जबकि तीन लोग अभी भी इस मामले में फरार चल रहे थे।