डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर में सच बेधड़क न्यूज चैनल के मीडियाकर्मी ने बहादुरी की एक मिसाल पेश की। इस पत्रकार ने साहस का परिचय देते हुए खूखांर लेपर्ड को अकेले ही पकड़ लिया। इसके बाद ग्रामीणों भी वहां पहुंच गए और उन्होंने लेपर्ड को रस्सी से बांध दिया। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लेपर्ड का रेस्क्यू किया है। वहीं, घायल मीडियाकर्मी को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। घटना डूंगरपुर के भादर वन क्षेत्र के गड़िया भादर मेतवाला गांव की है।
सच बेधड़क न्यूज चैनल के संवाददाता गुणवंत कलाल ने बताया कि गड़िया भादर मेतवाला गांव के लोगों ने बताया कि रविवार सुबह करीब सवा 6 बजे गांव में बने तालाब के पास लेपर्ड दिखाई दिया था। लेपर्ड ने एक नील गाय का शिकार करने के बाद झाड़ियों में बैठकर उसे खा रहा था। इसी बीच करीब सुबह 7 बजे गुणवंत कलाल कवरेज करने के लिए पहुंचे। वहीं गांव के उपसरपंच सहित कई लोग झाड़ियों में छिपे लेपर्ड को जंगल की भगाने का प्रयास कर रहे थे।
इसी दौरान भीड़ को देखकर लेपर्ड जंगल की तरफ भागने की बजाए लोगों की तरफ भागने लगा। इसी बीच लेपर्ड ने कवरेज करने आए मीडियाकर्मी गुणवंत कलाल पर हमला कर दिया। लेपर्ड ने गुणवंत कलाल के एक पैर को जबड़े में दबोच लिया। मीडियाकर्मी पर हमला होते ही दूसरे लोग दूर भाग गए। वहीं, गुणवंत ने खुद को बचाने दूसरे पैर से लेपर्ड के जबड़े पर मारा। इससे पैर छूट गया, लेकिन लेपर्ड ने फिर से अटैक किया तो गुणवंत ने उसके जबड़े को पकड़ लिया और उसके ऊपर बैठ गए।
इस दौरान दोनों के बीच करीब 5 मिनट तक जंग चली। इसमें मीडियाकर्मी गुणवंत कलाल बुरी तरह घायल हो गए। हालांकि, फिर भी उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए लेपर्ड को दबोच लिया और उसके ऊपर बैठ गए। वहीं, दूर खड़े लोगों ने भी हिम्मत दिखाई और रस्सियों से लेपर्ड को बांध दिया। काफी मशक्कत के बाद करीब सवा 8 बजे लेपर्ड पर काबू पाया गया। लेपर्ड के हमले में गुणवंत कलाल बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लेपर्ड का रेस्क्यू किया। वहीं, घायल मीडियाकर्मी गुणवंत कलाल को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।