Holi 2023 : रंगों का त्यौहार होली आने वाला है। बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही उल्लास का वातावरण बनने लग जाता है।कई बार होली की तिथि और होलिका दहन के समय को लेकर असमंजस की स्थिति हो जाती है। लेकिन इस बार होली की तिथि को लेकर कोई संशय नहीं है।
पंचांग के अनुसार होलिका दहन 7 मार्च और धुलंडी 8 मार्च को शुभ संयोग में ही मनेगी। लोगों के लिए खुशियां लेकर आने वाली होली इस बार शुभ फलदायी होगी। होलिका दहन इस बार प्रदोष काल में होगा। 7 मार्च को होलिका दहन शाम को 5 बजकर 48 मिनिट से 7 बजकर 22 मिनिट पर होगा। पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 6 मार्च को शाम 4 बजकर 9 मिनिट से हो रही है।
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होलाष्टक में नहीं होगें शुभ कार्य
28 फरवरी से होलाष्टक लग जायेगें। पुराणों के अनुसार होलाष्टक के दिनों में ही राक्षस राज हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को ,अपने बेटे प्रहलाद को मारने के लिए कहा था।। हिरण्यकश्यप का पुत्र भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। प्रहलाद का पिता अपने आप को भगवान मानता था। उसने प्रजा जनों को कह रखा था कि कोई भी नारायण की पूजा नहीं करेगा ।ना ही विष्णु का नाम लेगा। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद ही नारायण नाम का जाप करता रहता था।
इस कारण हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को कई बार मरवाने का प्रयास किया। लेकिन वह नारायण की कृपा से हर बार बच निकला। इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बुलाया और प्रहलाद को मारने का आदेश दिया। होलिका ने प्रहलाद को गोद में बैठाकर आग लगा ली ।लेकिन प्रहलाद तो बच गया और होलिका जल कर मर गई। इस लिए होलिका दहन किया जाता है। होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।