जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन सोमवार को व्यास मेडिसिटी का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम गहलोत ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। साथ ही प्रदेश के निजी अस्पतालों के संचालकों पर तंज कसते हुए कहा कि चीरंजीवी स्कीम को हम और भी मजबूत कर रहे हैं, लेकिन कई प्राइवेट हॉस्पिटल नखरे कर रहे हैं, उन्हें नखरे करना नहीं चाहिए।
सीएम गहलोत ने जोधपुर में पाली रोड स्थित व्यास कैंपस में व्यास मेडिसिटी के लोकार्पण समारोह के दौरान कहा कि हमे गर्व है कि मनीष व्यास ने जो संकल्प लिया उसे पूरा किया। पहली बार मुझे यहां आने का अवसर मिला है। बहुत शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर है, मैं इनके कार्य से प्रभावित हूं। सही जगह MOU किया गया और एक नई शुरुआत हुई है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही हमने निरोगी राजस्थान की शुरूआत की है। फ्री मेडिसिन के बाद इसे आगे बढ़ाया। हमने भामाशाह और आयुष्मान स्कीम को जोड़कर चिरंजीवी योजना तैयार की। जिसमें पहले 10 रुपए का बीमा किया, जिसे अब बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया है। अब सरकार के पैकेज में राजस्थान से बाहर भी इलाज करा सकते हैं।
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भीलवाड़ा मॉडल की दुनियाभर में हुई तारीफ
उन्होंने कहा कि दुर्घटना बीमा जो पहले 5 लाख तक था, उसे बढ़ाकर अब 10 लाख रूपए तक कर दिया है। हम इस स्कीम को और मजबूत कर रहे हैं, लेकिन कई हमारे प्राइवेट हॉस्पिटल नखरे कर रहे हैं, उन्हें नखरे करना नहीं चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि भारतीय संविधान में स्वास्थ्य और शिक्षा कमाने के लिए नहीं है। इसलिए सोसायटी बनानी पड़ती है। राजस्थान की धरती पर दूसरे राज्य कोई भी व्यक्ति बीमार पड़े तो उनकी सेवा करनी चाहिए। कोरोना ने हमे दिखा दिया, जो सेवा हमनें की वो कोई नहीं सोच सकता। देश में नंबर वन राजस्थान रहा। भीलवाड़ा मॉडल की देश ही नहीं डब्ल्यूएचओ ने तारीफ की। कोरोना काल में धर्म गुरु, एनजीओ सहित हर कोई आगे आया।
सोशल सिक्योरिटी को लेकर देश में बने कानून
सीएम गहलोत ने पूरे देश में सोशल सिक्योरिटी के लिए एक कानून बनाने की मांग की है। सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार की भावना है कि सभी लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य की सेवा मिले। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोशल सिक्योरिटी के लिए रिक्वेस्ट की है। मैं यहां पर एक करोड़ लोगों को पेंशन दे रहा हूं। जिसमें भी इस बजट में बढ़ोतरी की है। देशभर में भी बुजुर्ग, मजदूर और निशक्तजनों को एक सी पेंशन मिलनी चाहिए। जिसमें राज्य सरकार भी अपना हिस्सा देगी। अभी राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से हिस्सा दे रही है।