भारत में मौसमी इंफ्लूएंजा के उप-स्वरूप एच3एन2 से दो मरीजों की मौत की पुष्टि के बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि इस वायरस से बचाव के लिए सतर्कता बढ़ाने और ऐहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत में इस वायरस से दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें से एक मरीज कर्नाटक और दूसरा मरीज हरियाणा का था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (H3N2 virus) द्वारा शुक्रवार को साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दो जनवरी से पांच मार्च तक देश में एच3एन2 के 451 मामले सामने आए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वह स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और माह के अंत से मामले घटने की उम्मीद है। अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, एच3एन2 एक ऐसा इंफ्लूएंजा वायरस है जो आमतौर पर सूअरों से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं। इसमें बुखार और खांसी एवं बलगम समेत श्वसन संबंधी समस्या के लक्षण दिखाई देते है। इसके अलावा कुछ मरीजों को शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य समस्याएं भी होती हैं। कुछ लोगों को आशंका है कि यह कहीं कोविड की तरह एक और संक्रमण नहीं हो, लेकिन पल्मोनोलॉजिस्ट अनुराग अग्रवाल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसकी कोई बड़ी लहर आएगी।
अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ सलाहकार तरुण साहनी ने कहा, अस्पताल में भर्ती होना बहुत आम नहीं है और केवल पांच प्रतिशत मरीजों के ही अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली है। ‘ग्लोबल यंग एकेडमी’ (जीवाईए) की सदस्य उपासना रे ने कहा कि लॉकडाउन और लंबी अवधि के लिए मास्क के (H3N2 virus) व्यापक उपयोग ने वायरस के अधिक खतरनाक उपस्वरूपों के संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद की, लेकिन इसने नियमित रूप से होने वाले श्वसन संबंधी मौसमी वायरस संक्रमण से भी सुरक्षा प्रदान की, जबकि ये संक्रमण रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
दिशा-निर्देशों का पालन करें
भारत में मौसमी इंफ्लूएंजा के उप-स्वरूप एच3एन2 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बीच केन्द्र ने कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण दर में क्रमिक बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे तुरंत निपटने की जरूरत है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इंफ्लूएं जा जैसी बीमारी या गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण के मामलों के रूप में पेश होने वाले श्वसन संबंधी रोगों की एकीकृत निगरानी के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शनिवार को लिखे एक पत्र में कहा है, हालांकि पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 के मामले कम होते जा रहे है लेकिन कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण दर में क्रमिक वृद्धि हुई है जो चिंता का एक मुद्दा है विभिन्न प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किए जा रहे नमूनों में इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) विशेष रूप से चिंता का विषय है। यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि बच्चे, बुजुर्ग लोग और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों में एच1एन1, एच3एन2 का अधिक खतरा है।
ये हैंं लक्षण
बुखार और खांसी एवं बलगम से लेकर श्वसन संबंधी समस्या होना एच3एन2 वायरस (H3N2 virus) के लक्षण हैं। इसके अलावा कुछ मरीजों को शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य समस्याएं भी होती है।
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