महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनने के बाद आज विधानसभा में अपनी सरकार बनाने के लिए बहुमत परीक्षण देंगे। भाजपा के समर्थन देने की घोषणा के बाद परिणाम लगभग शिंदे खेमे में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। जिसके बाद यह फ्लोर टेस्ट अब एक औपचारिकता भर रह गया है। विधानसभा के नवनियुक्त स्पीकर राहुल नार्वेकर इस बहुमत परीक्षण को संपन्न कराएंगे। बता दें कि कल विधानसभा में स्पीकर के चय़न के लिए चुनाव हुए थे। जिसमें सत्ता पक्ष के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 वोट मिले थे। वहीं उद्धव गुट के प्रत्याशी को 107 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
फ्लोर टेस्ट में हिस्सा नहीं लेंगे नवाब मलिक, अनिल देशमुख
महाराष्ट्र की पूर्व महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री नवाब मलिक और अनिल देशमुख आज होने वाले इस फ्लोर टेस्ट का हिस्सा नहीं होंगें। दोनों ही भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों में जेल में बंद हैं। दोनों के फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होने से अब MVA का संख्या बल और कमजोर हो गया है।
उद्धव गुट को झटका, चीफ व्हिप और पार्टी नेता की नियुक्ति रद्द
वहीं दूसरी तरफ उद्धव गुट के शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया है। स्पीकर राहुल नार्वेकर की ओऱ से एक पत्र जारी किया गया जिसमें एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता के रूप में बहाल किया गया है। उनके साथ-साथ सुनील प्रभु को भी चीफ व्हिप के पद से हटा दिया गया है। जिसके बाद अब उद्धव गुट के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। क्योंकि अगर वे नए चीफ व्हिप का आदेश नहीं मानते वो उनके खिलाफ अयोग्यता का कार्रवाई हो सकती है। शिंदे खेमे की शिवसेना की तरफ से नए चीफ व्हिप भारत गोगावले नियुक्त हुए हैं।
विधानसभा में वर्तमान सरकार का पलड़ा भारी
मौजूदा समय में शिंदे सरकार 166 वोटों के अपने पक्ष में होने का दावा कर रही है। स्पीकर के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 164 वोट मिलने से साफ है कि सरकार के पास बहुमत से 20 वोट ज्यादा है। महाराष्ट्र विधानसभा में इस समय 287 सदस्य है। इस हिसाब से सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 144 वोटों की जरूरत है। वहीं विधानसभा सत्र के पहले दिन शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से उनके मुख्य सचेतकों ने व्हिप का पालन न होने की आपत्ति स्पीकर के सामने दर्ज कराई।
6 महीने में गिरेगी शिंदे सरकार- शरद पवार
फ्लोर टेस्ट से पहले ही NCP अध्यक्ष शरद पवार ने नई सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे की यह सरकार 6 महीने में ही गिर जाएगी जिसके बाद मध्यावधि चुनाव होंगे। जिसके लिए एकनाथ शिंदे को अभी से तैयारी कर लेनी चाहिए। रविवार देर शाम NCP विधायकों की हुई बैठक में उन्होंने दावा किया कि जो शिंदे के साथ बागी शिवसेना के बागी विधायक है, उनमें से काफी लोग मौजूदा व्यवस्था से खुश नहीं हैं। और ये नाराजगी तब और बढ़ जाएगी जब मंत्रालयों के बांटने का समय आएगा। तब सब बाहर निकल जाएगा, औऱ इसका नतीजा यह होगा कि सरकार गिर जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसके बाद बागी विधायक पार्टी में वापस लौट आएंगे।
शिवसेना ने आज दोपहर में सभी जिला प्रमुखों की मीटिंग बुलाई
वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने अपनी पार्टी के सभी जिला प्रमुखों की मीटिंग बुलाई है। जिसमें संभव हैं कि पार्टी को मजबूती देने और कार्यकर्ताओं को एकजुटता के साथ काम करने पर चर्चा हो।