जयपुर। जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने ई-वेस्ट से रोबोट जैसे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बनाकर एक नया ट्रेंड सेट किया है। जी हां, जिन इलेक्ट्रोनिक उपकरणों को खराब होने के बाद आप इधर उधर फेंक देते हैं, वे पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बन जाते हैं। डिजिटलाइजेशन के साथ लगातार बढ़ रहे ई-वेस्ट से निपटने का एक बेहद इनोवेटिव इनीशियेटिव लिया है शहर की जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी ने। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने पिछले दिनों में बड़े स्तर पर ई-वेस्ट इकट्ठा किया। इस ई-वेस्ट से स्टूडेंट्स ने रोबोट और अन्य इनोवेटिव चीजें बनाई हैं।
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जेईसीआरसी के वाइस चेयरपर्सन अर्पित अग्रवाल ने बताया कि यूनिवर्सिटी में इनोवेशन्स के लिए चलाए जा रहे जेयू मेकरस्पेस के स्टूडेंट्स ने ई-वेस्ट डिस्पोजल की दिशा में लोगों को प्रेरित करने के लिए यह इनोवेटिव पहल की है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण दिवस पर जेईसीआरसी की ओर से ई-वेस्ट कलेक्शन और डिस्पोजल के स्थाई तरीकों को बढ़ावा देने और ई वेस्ट के उचित प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान चलाया गया है।
पांच दिन में जुटाए 2400 से ज्यादा ई-वेस्ट जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी और कॉलेज ने पांच दिन में 2400 से ज्यादा ई वेस्ट प्रोडक्ट्स जुटाकर उनकाे रिसाईकल किया है। इनमें 227 सेल फोन, 72 टेलीविजन, 59 प्रिंटर, 47 लैपटॉप, 21 पीसी , और 7 फ्रिज सहित अन्य सामान शामिल हैं। अग्रवाल ने बताया कि जेईसीआरसी कें द्र सरकार के साथ मिलकर ई-वेस्ट डिस्पोजल के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा हैं। इसके तहत वर्कशॉप्स और अवेयरनेस प्रोग्राम्स आयोजित किए जा रहे हैं।
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नुक्कड़ नाटक से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश जयपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में एस एस जैन सुबोध बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओ ने नुक्कड़ नाटक कर ं पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। विद्यालय प्रधानाचार्या डॉ. दीपा सचदेवा के नेतृत्व में पर्यावरण को बचाने के लिए जल महल और गोविंद देव जी के के पास नाटक किया गया।
वजन 200 किलो, ऊं चाई 9 फीट ई-वेस्ट से बनाया गया यह रोबोट 200 किलो का है। इसकी ऊं चाई 9 फीट है। इस रोबोट को बनाने में रिमोट, आईपैड, बैट्री, कीबोर्ड, माउस, एलईडी स्क्रीन जैसे वेस्ट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स ने ई वेस्ट का इस्तेमाल कर की- छू, फीनिक्स, आरहोचर, हार्ले डीवेस्टसन, डेजी, ईव, भारतीय जैसे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बनाए हैं। इन प्रोडक्ट्स के माध्यम से स्टूडेंट्स ने रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने के साथ ही क्रिएटिविटी और इनोवेशन का भी संदेश दिया है।