Odisha Train Accident : नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे को चार दिन बीत गए है। लेकिन, हर किसी के जेहन में एक ही सवाल है कि आखिर ओडिशा में इतना बड़ा रेल हादसा कैसे हुआ? क्या इसमें मशीनों की गलती थी या इंसानी गलती, या फिर कोई साजिश थी? अभी तक कुछ भी साफतौर पर नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, रेलवे अधिकारियों का दावा है कि जानबूझकर इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रेल हादसे की जांच शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी। अब सीबीआई यह पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर रेल हादसा कैसे हुआ था? इसके लिए सीबीआई हर एंगल से जांच में जुटी हुई है।
सीबीआई की एक टीम ने सोमवार देर शाम घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार शाम हुए हादसे के बाद रविवार को रेलवे अधिकारियों ने हादसे वाली जगह का दौरा किया था। इस दौरान रेलवे अधिकारियों ने शुरूआती जांच के बाद कहा कि किसी शख्स ने जानबूझकर इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ की है। जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ है और 270 से ज्यादा लोगों की जान गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण रेल हादसा हुआ है। जांच चल रही है और जल्द ही पता चल जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के लिए कौन जिम्मेदार? साथ ही रेल मंत्री ने कहा था कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है और जांच रिपोर्ट जल्द सामने आ जाएगी।
ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन हुआ शुरू
इधर, अप लाइन और डाउन लाइन पटरियों की मरम्मत का काम पूरा होने के बाद ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हो गया है। सोमवार सुबह पहली उच्च गति वाली यात्री ट्रेन हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस बालासोर से गुजरी। अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस ने सोमवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे बाहानगा बाजार स्टेशन को पार किया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे और तेज गति वाली ट्रेन के गुजरने पर उन्होंने चालकों की तरफ हाथ हिलाया। दो और यात्री ट्रेनें हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस भी सोमवार सुबह अप और डाउन लाइन से गुजरीं। इससे पहले, रविवार रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर विशाखापत्तनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र तक कोयले से लदी एक मालगाड़ी भी बालासोर से गुजरी थी।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने देखी इंटरलिंकिंग प्रणाली
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (दक्षिण-पूर्वी मंडल) शैलेश कुमार पाठक ने रेल हादसे की जांच शुरू की। उन्होंने बाहानगा स्टेशन बाजार स्टेशन पर दुर्घटना स्थल का दौरा किया। उन्होंने नियंत्रण कक्ष, सिग्नल कक्ष का भी दौरा किया, स्टेशन प्रबंधक से बात की और इंटरलिंकिंग प्रणाली भी देखी जिसके कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस ने लूप लाइन में प्रवेश किया था जिससे दो जून को यह त्रासदी घटना हुई। पाठक ने दुर्घटनास्थल पर पत्रकारों से कहा, हमने जांच शुरू कर दी है। इसमें वक्त लगेगा। जांच खत्म होने के बाद ही दुर्घटना की असली वजह का पता चलेगा।
278 में से 101 शवों की पहचान अभी नहीं
ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने कहा कि दुर्घटना में मरने वाले 278 लोगों में से 101 शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। लगभग 900 लोगों को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में करीब 200 लोगों का उपचार किया जा रहा है। हादसे में मारे गए शवों को अलग-अलग राज्यों में ले जाने का खर्च ओडिशा सरकार वहन करेगी। मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द से जल्द प्रदान किए जाएंगे। इन्हें मृतक के परिवारों को इलेक्ट्रॉनिक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा जाएगा। इधर, रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने रेल दुर्घटना में घायल हुए ट्रेन चालक गुणनिधि मोहंती और उनके सहायक हजारी बेहेरा के बयान दर्ज किए। दोनों का एम्स-भुवनेश्वर में इलाज किया जा रहा है। दोनों चालकों की हालत स्थिर है, मोहंती को सोमवार को आईसीयू से बाहर लाया गया। इससे पहले रेल मंत्रालय ने एक तरह से दोनों को इस मामले में ‘क्लीन चिट’ दे दी थी।
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