चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब इसरो अपने नये मिशन की तैयारियों में जुट गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो के अगले मिशन को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि भारत अगले साल महिला रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजने जा रहा है।
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‘चूम लिया चांद’… चंद्रयान-3 की कामयाब लैंडिंग, दक्षिणी ध्रुव पर लहराया तिरंगा, PM बोले- अब चंदामामा दूर के नहीं
चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6.04 बजे चांद पर उतरा जिसके बाद चंद्रमा पर उतरने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया.
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हर किसी की नजरें इसरो के मिशन चंद्रयान पर टिकी हुई है। लोगों में इसको लेकर काफी उत्साह भी देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपने-अपने तरीके से इसकी सफलता को लेकर कामना कर रहे है। रूस का मिशन मून फेल हो गया है।
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चंद्रयान-2 ने विक्रम लैंडर से कहा- Welcome, चंद्रयान-3 पर टकटकी लगाए बैठा पूरा देश…23 अगस्त को लैंडिंग
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नासा अपने यान को चंद्रमा पर करीब चार दिन में पहुंचा देता है, लेकिन इसरो क्यों 40-42 दिन लेता है? वजह दो है। पहली ये कि धरती के चारों तरफ घुमाकर यान अंतरिक्ष में भेजने की प्रक्रिया सस्ती पड़ती है। नासा की तुलना में इसरो के प्रोजेक्ट सस्ते होते हैं और मकसद भी पूरा हो जाता है।
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