धौलपुर। नरेगा योजना सरकार की ओर से गरीब और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें संबल प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन इस योजना को भी अधिकारी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार का बड़ा जरिया बना लिया है। ऐसा ही एक मामला धौलपुर जिले के राजाखेड़ा क्षेत्र की ग्राम पंचायत फरासपुरा के गांव कमरियन का पुरा में सामने आया है। दरअसल यहां का एक नरेगा मजदूर इन दिनों जेल में बंद हैं। लेकिन नरेगा कार्य में मेट और सेक्रेटरी ने मिलीभगत से बाकायदा उसकी उपस्थिति दर्ज की हुई है उसके नाम से पेमेंट भी कर दिया गया।
जेल में बंद है आरोपी और मस्टरोल में दर्ज है हाजिरी
बता दें कि जिले की दिहोली थाना पुलिस ने 10 नवंबर 2022 को श्याम सिंह निवासी कमरियन का पुरा ग्राम पंचायत फरासपुरा राजाखेड़ा को गिरफ्तार किया था। जो कि अवैध चंबल रेता के मामले में फरार चल रहा था। जिस पर धौलपुर एसपी धर्मेंद्र सिंह की ओर से 500 रुपए का इनाम घोषित था। जिसे गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया, जो वर्तमान में भी जिला जेल धौलपुर में बंद है। जबकि सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर जो मस्टरोल दर्ज है उसमें श्याम सिंह को नरेगा कार्य में 11 नवंबर से 15 नवंबर तक बाकायदा उपस्थित दिखाया गया है। जिसके बदले उसे बाकायदा भुगतान भी किया गया है। जिससे यह सिद्ध होता है कि ग्राम पंचायत फरास पुरा में नरेगा योजना के तहत जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अब देखना ये है कि अधिकारी इस मामले में क्या संज्ञा लेते हैं।
जिम्मेदार फोन तक नहीं उठा रहे, छुपा रहे मुंह
इस मामले में जब ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी हीरालाल से बात करने के लिए कॉल किया और उनसे सवाल पूछा कि जब श्याम सिंह जेल में है तो नरेगा कार्य में उसकी उपस्थिति कैसे दर्ज है, तो वे बोले कि ऐसा नहीं हो सकता। इसके बाद उनसे पूछा गया कि ऐसा हुआ है और उसका दस्तावेज हमारे पास है तो उन्होंने कॉल काट दिया। जब उन्हें दोबारा कॉल किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
जांच के आधार पर होगी कार्रवाई
वहीं इस मामले में धौलपुर जेल के अधीक्षक राम अवतार शर्मा ने बताया कि श्याम सिंह फिलहाल जिला कारागार धौलपुर में बंद है। वहीं इस मामले में पंचायत समिति राजाखेड़ा के विकास अधिकारी राकेश सिंघल का कहना है कि ऐसा मामला है तो जांच करवाएंगे। जांच में जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे उसके हिसाब से आग की कार्रवाई की जाएगी।
सामान्य वर्ग का श्याम सिंह कागजों में एससी का दर्ज
ग्राम पंचायत फरासपुरा में भ्रष्टाचार और घपले बाजी की सभी सीमाएं पार होती नजर आ रही हैं। जेल में बंद जिस श्याम सिंह को नरेगा कार्य में एससी वर्ग का दिखाया गया है वह हकीकत में जाति से ठाकुर है, जो कि सामान्य वर्ग में आता है। अब पूरे मामले में बड़ा सवाल ये है कि जब नरेगा मजदूर जेल में बंद है, तो वह नरेगा में कार्य करने कहां से आ गया। ऐसे में तो अब दो ही बातें हैं, या तो नरेगा मजदूर सिर्फ कागजों में ही जेल में है और हकीकत में नरेगा कार्यस्थल पर कार्य कर रहा है अथवा नरेगा मजदूर जेल में है और नरेगा कार्य में फर्जी तरीके से सेक्रेटरी और मेट ने हाजिरी दर्ज की है और पैसे का घपला किया है।