अजमेर। अजमेर के बहुचर्चित दो करोड़ रुपए की रिश्वत राशि मांगने के मामले में जेल भेजी गई निलंबित एएसपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में उनके वॉइस सैम्पल लेने को लेकर एडवोकेट ने रिकॉल एप्लीकेशन लगाई और इसके बाद मित्तल ने भी न्यायाधीश के समक्ष अपना पक्ष रखा, जिस पर न्यायाधीश ने वॉइस सैम्पल नहीं लेने के लिए सहमति दी और दिव्या मित्तल को पुनः जेल भेजने के आदेश दिए।
एडवोकेट प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि एसीबी की ओर से सीजेएम न्यायालय में दिव्या मित्तल के वॉइस सैम्पल के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था। जिस पर एसीजेएम संख्या 1 को इसके लिए अधिकृत किया था। मामले में न्यायाधीश ने दिव्या मित्तल को 17 फरवरी को वॉइस सैम्पल देने के लिए निर्देश दिए थे। न्यायाधीश के निर्देशों की पालना में दिव्या मित्तल को जेल से कोर्ट लाया गया।
वहीं उनकी ओर से न्यायाधीश के समक्ष रिकॉल एप्लीकेशन लगाई गई और वॉइस सैम्पल देने संबंधी विधि में नियम नहीं होने की बात कही गई। जिस पर न्यायाधीश ने दिव्या मित्तल को बुलवाकर सुना। जिसमें दिव्या मित्तल ने कहा कि विधि में नियम नहीं होने के चलते वॉइस सैम्पल नहीं देना चाहती। न्यायाधीश ने इसके बाद वॉइस सैम्पल नहीं लिए जाने को लेकर सहमति दी।
एडवोकेट सोनी ने कहा कि न्यायाधीश ने आदेश में लिखा कि आगामी कार्रवाई शेष नहीं है और उसके अनुसरण में कोई आगामी कार्रवाई नहीं की जा सकती, ऐसे में इस मामले का निस्तारण किया जाता है। आदेश जारी होने के बाद एएसपी दिव्या मित्तल को पुनः चालानी गार्ड के जरिए सेंट्रल जेल ले जाया गया।
गौरतलब है कि एसीबी ने दवा कम्पनी के मालिक से दो करोड़ रुपए की रिश्वत राशि मांगने के मामले में गिरफ्तार कर एएसपी दिव्या मित्तल को जेल भेज दिया। मामले में बर्खास्त सिपाही सुमित अभी तक फरार चल रहा है।