आज जयपुर स्थित राजभवन में संविधान पार्क का लोकार्पण हो गया। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खुद अपने हाथों से इसका शुभारंभ किया। इस पार्क को संविधान के हर पहलू से सजाया गया है। कोने-कोने से संविधान की खुशबू यहां महसूस की जा सकती है। इस पार्क का आर्किटेक्चर यानी वास्तुकला इतनी आकर्षक और रोमांच से भरपूर है, कि वह उस उद्देश्य को जरूर पूरा कर पाएगी जिसके लिए इसका निर्माण किया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि संविधान के अक्षरों को पन्नों से निकाल कर पत्थरों पर बेहतरीन शिल्पकारी और वास्तुकला से उकेरा गया है। हम आपको यहां संविधान पार्क के कुछ खूबसूरत तस्वीरें दिखाते हैं।
यह मयूर स्तंभ है जो वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है।
इसके पास ही देश का अभिमान तिरंगा अपना सिर ऊंचा किए इस पार्क में शान से खड़ा है।
यह देश का पहला ऐसा संविधान पार्क है जिसे हरियाली के बीच सजाया गया है और वह भी किसी पेड़ को नुकसान पहुंचाए बिना।
इस पार्क की जो सबसे ज्यादा खास बनाती है वो है इसकी कलात्मक अभिव्यक्ति, यानी यहां हर कलाकृति और उन्हें अपनी सुगंध से महकाते पेड़-पौधे मानो आपसे अपनी हर बात कह रहे हों।
यहां पर स्थित राजस्थान की माटी में जन्मे देश के वीर सपूत महाराणा प्रताप की उनके प्रिय घोड़े चेतक के साथ प्रतिमा स्थित है। यह पूरी प्रतिमा सफेद संगमरमर से बनी हुई है। जो देश प्रेम और वीरता की पराकाष्ठा को परिलक्षित करती है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विशाल प्रतिमा इस संविधान पार्क की शोभा बढ़ा रही है। जिनकी मूल भावना ही संविधान में निहित है उनकी प्रतिमा इस उद्यान में होना तो अनिवार्य है।
यह दृश्य पार्क में प्रवेश द्वार करते ही आपको नजर आएगा। यहां पर काले पत्थर पर संविधान की पृष्ठ बनाया गया है, जिस पर भारत का संविधान यानी Constitution Of India लिखा हुआ है। संविधान की इस किताब को एक शिल्प का रूप दिया गया है।
इस ताम्र पत्र की पट्टिका पर संविधान सभा के गठन और उससे जुड़ी जानकारियों को लिखा गय़ा है।
इस ताम्रपत्र की पट्टिका के ठीक सामने संविधान सभा का पहला लोगो यानी उसकी मुहर को दर्शाया गया है।
इस लोगो के ठीक बगल में आपको संविधान सभा के निर्माण, संविधान के निर्माण, उसमें लगा समय और उसकी तिथियों को सिलसिलेवार उकेरकर उसे बेहद खूबसूरत ढंग से बनाया हुआ दिखाई देगा।
इसके ठीक बाद संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर और संविधान सभा में शामिस सभी लोगों की प्रतिमाएं भी इस पार्क की भव्यता और महत्ता को दर्शा रही हैं।
सफेद संगमरमर की दो पट्टिकाओं पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा में संविधान की प्रस्तावना को प्रदर्शित किया गया है।
संविधान के निर्माण महिला शक्ति को अष्टधातु की प्रतिमा से दर्शाया गया है। ये प्रतिमा उन महिलाओं की जो संविधान के निर्माण में शामिल थीं।
इस पार्क में सारनाथ से लिए गए और हमारे देश के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ को भी पत्थर शिल्प में उकेरा गया है। इसके नीचे हमारा ध्येय वाक्य सत्यमेव जयते भी लिखा गया है।
इस पार्क में जो सबसे रोमांचक है वह है संविधान सभा के हॉल का प्रतिरूप। इस संविधान सभा का कार्य करते हुए एक प्रतिरूप तैयार किया गया है। संविधान सभा की अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
इस पार्क में संविधान निर्माण के लागू होने का वह सबसे अहम पल जो आज इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान लिए हुए है। इस अष्टधातु की प्रतिमा में लाल बहादुर शास्त्री, जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. भीमराव आंबेडकर के संविधान को लागू करने के लिए हस्ताक्षर करते दिखाई दे रहे हैं।
इस पार्क में भीमराव आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक-दूसरे को संविधान का प्रारूप देते हुए प्रतिमा का बनाई गई है।