जयपुर स्थित राजभवन में नवनिर्मित संविधान पार्क का उद्घाटन किया। इस लोकार्पण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान पार्क का उद्घाटन हुआ। उन्होंने कहा कि इस पार्क का शुभारंभ मेरे हाथों हुआ इसकी मुझे बहुत प्रसन्नता है। संविधान पार्क के साथ मयूर स्तंभ, महाराणा प्रताप, फ्लैग पोस्ट बनाए गए हैं जो कि संविधान की मूल भावना को प्रदेश और देश के हर एक नागरिक तक पहुंचाने के लिए एक अच्छी पहल है।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह मेरी राजस्थान की पहली यात्रा है। राजस्थान वीर योद्धाओं की भूमि रही हैं। यहां वीर दुर्गादास, महाराणा प्रताप के साथ ही आजादी के बाद युद्धों में अहम भूमिका क्रांतिकारिय़ों ने निभाई है। इस मरूधरा पर पन्नाधाय और भामाशाह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। भारत के संविधान निर्माताओं के योगदान को मैं नमन करती हूं। उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास को एक अच्छे अध्याय के रूप में दर्शाया गया।
संविधान निर्माताओं का विचार था कि भावी पीढ़ियों को भी अधिकार मिले। अब तक हमारे संविधान में 105 संशोधन किए जा चुके हैं। यह जनमानस की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम है। देश में कई प्रमुख महिलाओं ने बड़े कार्य किए। पहली बार संसद में 100 से ज्यादा सांसद हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भविष्य की आने वाली पीढ़ियां इस पार्क से प्रेरणा लेंगी। देश की संसद में 33 महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व होना एक रिकॉर्ड है। पार्क को बनाने वाली एजेंसी और यहां की सरकार को बधाई देती हूं।
राज्यपाल कलराज मिश्र का संबोधन, कहा- भारतीय संविधान भारतीय संस्कृति का जीवंत दर्शन है। यहां संविधान पार्क बनाने की मंशा यही कि जो भी व्यक्ति यहां आए। वह संविधान के बारे में जान सके। CM गहलोत और UDH मंत्री शांति धारीवाल को इसके लिए आभार व्यक्ति करता हूं। इनके सहयोग और रुचि लेने से ही यह पार्क बनकर तैयार हो सका है। संविधान की प्रस्तावना और उद्देशिका एकता दर्शाती है। युवाओं में संविधान के प्रति आस्था जागृत हो। इसलिए मैं कार्यक्रमों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाता हूं।
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