प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानगढ़ दौरे से राजस्थान और बांसवाड़ा की जनता को काफी उम्मीदें थीं। इसके एक महीने पहले जब वे सिरोही आए थे तब वे काफी रात में पहुंचे थे और रात 10 बजे के बाद उन्होंने नियमों का पालन करते हुए लोगों को बिना माइक के संबोधित किया और लोगों से जल्द आने का वादा किया था। इसके बाद से ही पीएम नरेंद्र मोदी के मानगढ़ दौरे को लेकर कई उम्मीदें जनता ने लगाई थीं। तो कई राजनीतिक विश्लेषक के विश्लेषण भी इस मुद्दे पर होते थे।
सिरोही की जनता भी कर रही इंतजार
आखिर आज पीएम नरेंद्र मोदी मानगढ़ आए, शहीद आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी और गुरू गोविंद जी की धूणी पर माथा टेक कर आरती की। इसके बाद वे गौरव गाथा कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीदें थीं कि वे मानगढ़ दौरे में कुछ ‘बड़ा’ करेंगे। इस दौरे में वे सिरोही के लोगों से किया हुआ वादा भी पूरा करेंगे। लेकिन नरेंद्र मोदी ने अपने पूरे संबोधन में सिरोही का जिक्र नहीं किया। न ही किसी बड़े तोहफे का नाम लिया। हालांकि सिर्फ संबोधन में जिक्र न करने से ही किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता लेकिन सिरोही की जनता ने जो उम्मीदें लगाई थीं वह यहां पूरी होती दिखाई नहीं दे रही हैं।
मानगढ़ की राष्ट्रीय स्मारक की आस रही ‘अधूरी’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानगढ़ दौरे से सबसे बड़ी उम्मीद खुद मानगढ़ को थी। साल 1913 में हुए सामूहिक नरसंहार की अंदर तक झकझोर देने वाली इस अनकही कहानी के नायकों को जो लोग भगवान की तरह मानते हैं, उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी उनके भगवान के इस ‘मंदिर’ को राष्ट्रीय घोषित करेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मानगढ़ को विकास की दरकार है।
मानगढ़ के विकास के लिए उन्होंने चार राज्यों राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र औऱ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से इसका विस्तृत रोडमैप तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम और गुरू गोविंद के स्मृति स्थल को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं इसका विकास पहले हो। तब इसे राष्ट्रीय स्मारक या और कोई नाम भी दे दिया जाएगा। नाम में क्या रखा है। प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य से यह तो पुख्ता हो गया कि वे अभी मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के मूड में नहीं है। इसके विकास का रोडमैप तैयार होने के बाद ही इस बारे में आगे कुछ सोचा जाएगा।
राजस्थान कांग्रेस को मिलेगा नया ‘हथियार’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुले तौर पर कई बार मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर चुके हैं, इसके लिए उन्होंने दो बार पीएम को पत्र भी लिखा है। आज मानगढ़ में आयोजित तमाम दिग्गज नेताओं के बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मंच से एक बार फिर यह मांग उठाई, लेकिन प्रधानमंत्री के संबोधन ने सभी बातों पर विराम लगा दिया। इसके बाद राजस्थान कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत को भाजपा को आदिवासियों के मुद्दे पर घेरने का एक और हथियार मिल गया।