सीएम गहलोत के कोई भूखा न सोए संकल्प को साकार करने के लिए उन्होंने सभी विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों से प्रदेश में संचालित इंदिरा रसोई का समय-समय पर निरीक्षण करने को कहा है जिससे भोजन की गुणवत्ता बनी रहे और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए । इसी क्रम में आज जिला प्रभारी सचिव और वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल अलवर पहुंचे। इसके बाद प्रभारी सचिव बस स्टैंड पर स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित इंदिरा रसोई का निरक्षण किया जहा उन्होंने इंदिरा रसोई में बनने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच की।
स्टाफ को साफ-सफाई के दिए निर्देश
इंदिरा रसोई में भोजन का निरीक्षण कर उन्होंने रसोई के बारे में जानकारी ली उन्होंने कार्यरत कर्मचारियों से स्टाफ के बारे में बातचीत की। उन्होंने स्टाफ से पूछा की प्रतिदिन रसोई में कितने लोग खाना खाने के लिए आते है। जिस पर जवाब मिला कि प्रतिदिन सुबह और शाम को लगभग 70 लोग इंदिरा रसोई में भोजन करने के लिए आते हैं। इस पर उन्होंने इंद्रा रसोई में साफ सफाई रखने के लिए कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उसके बाद उन्होंने इंद्रा रसोई के बाहर की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने इंदिरा रसोई में मौजूद स्टाफ और नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट से कहा कि बस स्टैंड पर इंदिरा रसोई के बोर्ड लगाए जाए जिससे लोगों को पता चल सके कि बस स्टैंड पर इंदिरा रसोई भी संचालित हो रही है। निरीक्षण के दौरान उनके साथ जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी, नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट, जिला रसद अधिकारी जितेंद्र सिंह नरूका, राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के पीएमओ सुनील चौहान, सीएमएचओ श्रीराम शर्मा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
जिला कलेक्टर सभागार में भी अधिकारियों की बैठक
जिला प्रभारी सचिव और वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने इससे पहले जिला कलेक्टर सभागार में भी अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इसके बाद प्रभारी सचिव शिखर अग्रवाल जेल सर्किल पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां उन्होंने बनने वाले मेडिकल कॉलेज के बारे में जानकारी ली और मेडिकल कॉलेज का नक्शा देखा।
आज ही विदेशी सैलानियों ने इंदिरा रसोई में किया था भोजन
बता दें कि आज ही जोधपुर में इंदिरा रसोई में विेदेशी सैलानियों ने भी खाना खाया। दरअसल ऑस्ट्रेलिया से आए दो सैलानी ओली और बीम क्लार्क को टावर पहुंचीं। घंटाघर घूमने के दौरान उन्हें भूख लगी तो उन्होंने वहां इंदिरा रसोई का होर्डिंग देखा। दोनों हैरान हुईं कि राजस्थान में ऐसी कोई रसोई भी है जो नाममात्र के खर्चे पर भरपेट भोजन भी कराती है। इसके बाद दोनों ने यही खाना खाने का मन बनाया और घंटाघर में एमबीएल बोहरा शिक्षण संस्थान की ओर से संचालित इंदिरा रसोई में पहुंच गईं। इंदिरा रसोई का भोजन खाने के बाद दोनों बेहद खुश हुए। उन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, जोधपुर घूमने आने वाले सैलानियों को यहां का खाना जरूर चखना चाहिए। वह यहां नहीं आते हैं तो वह बहुत बड़ी चीज मिस करेंगे।