Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के मध्यनजर हम आपको लगातार 200 विधानसभा सीटों के समीकरण बता रहे है। इसी क्रम में आज हम आपको जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट के बारे में जानकारी साझा करेगे। सांगानेर विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी का दबदबा है। अभी वर्तमान में यहां से अशोक लाहोटी विधायक है। आइए जानते है सीट के समीकरण के बारें में…
2018 के विधानसभा चुनाव
2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो सांगानेर सीट पर 29 उम्मीदवारों ने अपनी चुनौती पेश की थी। जिसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच था। 29 उम्मीदवारों में से बीजेपी के अशोक लाहोटी को सबसे ज्यादा 107,947 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 72,542 वोट मिले। एकतरफा मुकाबले में लाहोटी ने 35,405 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस सीट पर जीत का अंतर हमेशा जयपुर में सबसे ज्यादा रहता है।
विधानसभा में वोटरों की संख्या
5 साल पहले हुए चुनाव में सांगानेर में कुल 3,03,621 मतदाता थे, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,61,073 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,42,548 थी. इनमें से 2,07,247 (69.0%) मतदाताओं ने वोट डाले। जबकि नोटा के पक्ष में 2,325 (0.8%) वोट पड़े। इस सीट पर फिलहाल करीब 3,50,000 मतदाता हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या ब्राह्मण मतदाताओं की है, जिनकी संख्या करीब 75,000 है।
अशोक लाहोटी वैश्य समुदाय से वर्तमान विधायक हैं, वैश्य समुदाय के लगभग 25,000 मतदाता हैं। माली समाज के भी 25 हजार वोट हैं। एससी-एसटी के 22 हजार वोट हैं। इनमें मुस्लिम समुदाय के 20,000, जाट समुदाय के 18,000 और इसके अलावा यहां 7,000 यादव, 4,000 गुर्जर और 15,000 अन्य जाति के मतदाता हैं।
2003 से यहां बीजेपी का कब्जा
सांगानेर सीट पर 2003 से बीजेपी का कब्जा है। 2003, 2008 और 2013 में घनश्याम तिवाड़ी विधायक ने यहां से जीत दर्ज की थी। 2018 में अशोक लोहाटी ने जीत हासिल की थी। 2013 के चुनाव में इस सीट पर घनश्याम तिवाड़ी ने सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने 65,350 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी संजय बाफना को हराया था।
बीजेपी से 12 उम्मीदवार ठोक रहे ताल
चुनाव को देखते हुए बीजेपी में 12 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी ठोक दी है। मौजूदा विधायक लाहोटी के अलावा 12 से ज्यादा बीजेपी नेताओं ने तैयारी शुरू कर दी है. सबसे ज्यादा 10 दावेदार ब्राह्मण समुदाय से ही हैं।