दौसा। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का बिगुल बज गया है। भारत निर्वाचन आयोग के राजस्थान में चुनावों की तारीखों का ऐलान करते ही सभी राजनीतिक पार्टियां और चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार पूरे जोर-शोर से तैयारियां में जुटे हुए हैं। बता दें कि राजस्थान में चुनाव की तारीख में बदलाव कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने राजस्थान में अब वोटिंग की तारीख 25 नवंबर कर दी है। पहले यह 23 नवंबर थी।
दरअसल, 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है और कई धार्मिक मेले होने के चलते तारीख को बदलने की मांग जोर पकड़ रही थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीख बदलने की फैसला किया। विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के 41 उम्मीदवारों की सूची में बांदीकुई विधानसभा सीट से बीजेपी ने भागचंद टांकडा को मैदान में उतारा है। अब इस सीट से लिए कांग्रेस की सूची जारी होने का इंतजार है।
सूत्रों के माने तो कांग्रेस पार्टी इस बार भी गजराज खटाणा को अपना प्रत्याशी बना सकती है। अगर कांग्रेस पार्टी गजराज खटाणा का टिकट काटती है तो उनके लिए मुश्किल खड़ी होगी, क्योंकि बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी भी गुर्जर समाज का है। बहुजन समाज पार्टी ने बांदीकुई से भवानीसिंह गुर्जर को अपना प्रत्याशी बनाया है। भवानीसिंह गुर्जर बांदीकुई के श्यालावास निवासी है।
बता दें कि बांदीकुई विधानसभा गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है। ऐसे में गुर्जर बाहुल्य होने के चलते बसपा ने भवानी सिंह गुर्जर को टिकट दिया है। बता दें कि बीजेपी ने बांदीकुई विधानसभा सीट से भागचंद टांकडा को मैदान में उतारा है। वो साल 2018 में बसपा से चुनाव लड़ चुके है। साल 2018 के बांदीकुई विधानसभा चुनाव में भागचंद टांकडा तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार बीजेपी ने भागचंद टांकडा को टिकट दिया है। बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र में अब कांग्रेस के टिकट का इंतजार है।
क्या है बांदीकुई विधानसभा सीट का समीकरण…
बता दें कि दौसा क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है। यह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की भूमि है। इसी के चलते दौसा के बांदीकुई विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां अक्सर गुर्जर समाज के व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाते है। साल 2013 में बीजेपी ने अल्का गुर्जर को चुनाव मैदान में टिकट देकर भेजा था। वहीं कांग्रेस पार्टी ने राम किशोर को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था।
उस समय कांग्रेस के रामकिशोर सैनी चुनाव हार गए थे और बीजेपी की अल्का गुर्जर की जीत हुई थी। साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने इस बार रामकिशोर सैनी पर दांव खेला और बांदीकुई विधानसभा सीट का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। वहीं कांग्रेस पार्टी ने गुर्जर समाज के ही गजराज खटाणा को टिकट देकर चुनाव में उतारा था। इसके बाद गजराज खटाणा की जीत हुई थी और बीजेपी के राम किशोर सैनी चुनाव हार गए थे।
बता दें कि बांदीकुई विधानसभा सीट राजस्थान की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है। जहां 2018 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। साल 2018 में बांदीकुई में कुल 40 प्रतिशत वोट पड़े। यहां कांग्रेस से गजराज खटाण ने बीजेपी के रामकिशर सैनी को 5 हजार वोटों के अंतर से हराया था। वहीं इस बार बांदीकुई विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है।
क्या कहते है बांदीकुई विधानसभा के जातिगत आंकड़े…
बता दें कि बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 2 लाख 16 हजार 196 है। इसमें आधे ज्यादा यानि 1 लाख 11 हजार 412 मतदाता 18 से 35 वर्ष के युवा है। ऐसे में इनकी भागीदारी 51.53 प्रतिशत पहुंच चुकी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि विधानसभा चुनाव में जीत हार का फैसला युवाओं के हाथों में रहेगा। बांदीकुई विधासभा चुनाव में सबसे अधिक एससी समुदाय के मतदाता हैं। बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र में लगभग 45 हजार मतदाता एससी समुदाय के हैं। दूसरे नंबर पर गुर्जर मतदाता हैं। बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र में लगभग 30 हजार गुर्जर मतदाता है। वहीं तीसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदाता आते हैं, जिनका बहुमत करीब 15 हजार है। इसके अलावा एसटी के लगभग 12 हजार मतदाता हैं। सैनी समाज के 15 हजार, वैश्य भी लगभग 8 हजार मीणा और सैन 5 हजार, प्रजापति 4 हजार मतदाता वोट देकर अपने विधायक को चुनते हैं।