कोटा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय यानी RTU में छात्राओं से पास करने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में आज एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार की सहयोगी छात्रा ईशा यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ईशा यादव बीटेक फोर्थ ईयर की छात्रा है, साथ ही गिरीश परमार के पूरे मामले में ये शामिल रही थी। विशेष लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया कि ईशा यादव अन्य छात्र-छात्राओं की पुस्तिका जांच, पेपर सेट और उनके नंबरों में हेरफेर करने में शामिल रही है।
अर्पित समेत दूसरे छात्रों से संंबंध बनाने का बनाती थी दबाव
इसके अलावा ऑडियो में भी वह कई छात्राओं को गिरीश परमार के लिए तैयार करने और उनसे बातचीत करने में मीडिएटर की भूमिका निभा रही थी। इसके साथ ही वह दूसरे आरोपी अर्पित अग्रवाल के साथ-साथ कई दूसरे छात्राओं पर परमार के साथ संबंध बनाने के लिए कहती थी। उन्होंने कहा कि अब गिरीश परमार, अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव के वाइस सैंपल लिए जाएंगे। जिनकी एफएसएल जांच होगी। वहीं पुलिस ने आज पहले से गिरफ्तार दोनों आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार, छात्र अर्पित अग्रवाल की रिमांड अवधि खत्म हो गई थी। जिसके बाद आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जिन्हें 10 जनवरी तक जेल भेज दिया गया।
3 सदस्यों की कमेटी कर रही है जांच
प्रोफेसर के खिलाफ दो औऱ छात्राओं ने शिकायत दर्ज कराई है। जिस पर जांच चल रही है। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि विश्विद्यालय प्रशासन ने इन सब बातों से अनजान होने की कही थी। प्रशासन का कहना था कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया। उनका कहना है कि जब छात्रा ने शिकायत दर्ज कराई है तब उन्हें इसका पता चल रहा है। दूसरी तरफ इन मामलो की जांच करने के लिए 3 सदस्यों की कमेटी का गठन हो गया है। इनमें विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर एसके राठौड़, प्रोफेसर डीके पलवलिया, प्रोफेसर मनीषा भंडारी शामिल हैं।
शर्मनाक कांड में बिचौलिए की तरह काम करता था छात्र अर्पित
बता दें कि पुलिस ने एसोसिएट प्रोफेसर के अलावा छात्र अर्पित के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। बीटेक की छात्रा ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि उसके सहपाठी अर्पित के माध्यम से एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार ने उसे टेस्ट में अच्छे नंबर से पास करवाने की एवज में शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। छात्रा ने मना कर दिया तो आरोपी ने परीक्षा में पास करने की बात कह कर अन्य छात्राओं को टारगेट किया। दबाव बनाने के लिए वह अर्पित को माध्यम बनाता है। अर्पित बिचौलिये की तरह छात्राओं को पास कराने के झांसे में लेता है। फिर आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर परमार के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने को कहता है।
डिप्रेशन में सुसाइड करने चली थी छात्रा
उसके साथ भी इसी तरह की बात हुई है। छात्रा ने एफआईआर में आरोप लगाया कि फाइनल परीक्षा में उसे साजिश के तहत फेल किया गया है। फिर अर्पित ने पास करवाने का झांसा दिया गया। उसके बदले में मुझ पर शारीरिक सम्बन्ध बनाने एवं कुकृत्य करने का दबाव बनाया गया। छात्रा ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि वह प्रोफेसर के दबाव से इतनी आहत हो गई कि उसने खुदकुशी करने के बारे में सोच लिया थी। लेकिन परिवार के सपोर्ट के चलते उसने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। RTU के कुलपति एसके सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस तरह के मामले प्रशासन बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले को 3 सदस्यों की कमेटी को सौंपा है जो जल्द मामले की निष्पक्ष जांच कर उन्हें सौंपेंगे और जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।