जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज चौमूं के कालाडेरा में महंगाई राहत कैंप का जायजा लिया था। यहां महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करने के बाद उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया इसके बाद भी पचकोडिया रवाना हो गए लेकिन अशोक गहलोत के सभा से जाते ही पीसीसी मेंबर रुक्ष्मणि कुमारी और पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी आपस में आपस में भिड़ गए। मामला इतना था कि रुक्ष्मणि कुमारी को सीएम गहलोत के साथ आज मंच पर जगह नहीं दी गई थी।
मंच पर सबसे पहली लाइन में मिली जगह
रूक्ष्मणि कुमारी को जनता के बीच में बैठाया गया था। जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंच पर पहुंचे तो उन्होंने मंच पर रूक्ष्मणि को नहीं पाया। जब उन्होंने रक्ष्मणि को जनता के बीच में बैठा देखा तो उन्हें मंच पर बुलाकर पहली लाइन में बिठाया इसके बाद दोनों में कुछ बातचीत भी हुई।
सीएम के जाते ही भगवान सहाय से भिड़ गई थीं रुक्ष्मणि
जब अशोक गहलोत कार्यक्रम से चले गए तब उसके तुरंत बाद रूक्ष्मणि कुमारी ने अपना आपा खो दिया और पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी से जाकर भिड़ गई। उन्होंने जाते ही विधायक से कहा कि मुझे कहां-कहां रोकोगे, मुझे हर जगह जाने से आप मुझे रोकते हो।
रुक्ष्मणी यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि आप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है इसलिए आपका सम्मान करती हूं। मुझे आपने मंच पर जाने से रोक दिया लेकिन खुद मुख्यमंत्री ने मुझे मंच पर बुलाया और बिठाया। अब आप खुद बताइए ऐसा कह कर और करके आपकी यहां क्या इज्जत रह गई।
चौमूं से कटेगा भगवान सहाय का टिकट
अब सियासत में चर्चा चल रही है कि आखिर रूक्ष्मणि कुमारी और भगवान सहाय सैनी के बीच ऐसा क्या है कि दोनों में जरा भी नहीं बनती। दरअसल भगवान सहाय सैनी ने अपने बेटे विष्णु सैनी को नगरपालिका का चेयरमैन बनाया है, तब से ही पार्षदों और कांग्रेस के पदाधिकारियों में मनमुटाव चल रहा है। इन्हीं सबके बीच में पीसीसी मेंबर रुक्ष्मणी कुमारी के समर्थकों में बढ़ोतरी हुई है।
रुक्ष्मणि को बनाया जाएगा उम्मीदवार
अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रुक्ष्मणि को तवज्जो देने की बात पर भी चर्चा होने लगी है कि शायद 2023 के चुनाव में कांग्रेस भगवान सहाय सैनी को नहीं बल्कि रूक्ष्मणि कुमारी को टिकट देगी, क्योंकि जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें भीड़ में से बुलाकर मंच पर सबसे आगे वाली पंक्ति में बिठाया उससे रुक्ष्मणी के बढ़ते राजनीतिक कद का पता चल रहा है।