भरतपुर। आरक्षण की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से चल रहे सैनी समाज के आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है। मंगलवार दोपहर 12 बजे फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी की अगुवाई में सैनी समाज का एक प्रतिनिधि मंडल जयपुर स्थित सीएमआर पहुंचा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की।
सैनी समाज ने मुख्यमंत्री से मिलकर 12 फीसदी आरक्षण की मांग दोहराई। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे तक दो दौर की वार्ता हुई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता के बाद मुरारी लाल सैनी ने बताया कि सरकार ने संघर्ष समिति को लिखित मसौदा दिया है। सरकार ओबीसी आयोग को पत्र लिखकर समाज की जनसंख्या की गणना कर आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक स्थिति से अवगत कराएगी। 1 मई को प्रशासन के अधिकारियों से बात होगी।
सैनी बोले, कमेटी तय करेगी आंदोलन की खत्म करना है या जारी रखना है…
आंदोलन खत्म करने और हाईवे खोलने के सवाल पर सैनी ने कहा कि सरकार की ओर से लिखित मसौदा भरतपुर स्थित धरना स्थल पर आंदोलन कर रहे साथियों को पढ़कर सुनाएंगे। वे जो फैसला करेंगे, कमेटी वही मानेगी। वे आंदोलन जारी रखना चाहेंगे तो आंदोलन जारी रहेगा। हटने की बात कहेंगे तो हट जाएंगे।
आंदोलनकारी ने पेड़ से फंदा लगाकर किया सुसाइड
बता दें कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 12 फीसदी आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर सैनी, माली, शाक्य, मौर्य और कुशवाहा समाज आंदोलन कर रहा है। सैनी समाज का आंदोलन लगातार 5वें दिन भी जारी है। आंदोलन के 5वें दिन मंगलवार को यहां आंदोलनस्थल अरोदा गांव के पास चह गांव में नेशनल हाईवे-21 के किनारे सैनी समाज के एक आंदोलनकारी ने पेड़ से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मृतक की पहचान नजदीकी गांव ललिता मुड़िया निवासी मोहन सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को भरतपुर के राय बहादुर मेमोरियल (आरबीएम) अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। मोहन सिंह सैनी समाज से था और आंदोलन में शामिल था। उसकी जेब से मिले पर्चे पर लिखा था- ‘ज्योतिबा फुले अमर रहे, 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेंगे।’
मृतक के परिजनों ने की सरकार से ये मांगे
मोहन सिंह सैनी के सुसाइड करने से वहां हंगामा खड़ा हो गया। आंदोलनकारी पार्षद चतर सिंह सैनी ने बताया कि आंदोलन के दौरान साथी मोहन ने समाज को 12 फीसदी आरक्षण देने की मांग पर सुसाइड कर लिया है। प्रशासन के रवैये से समाज में नाराजगी है। मोहन ने आपा खो दिया और आरक्षण के लिए उसने सुसाइड कर लिया है। समाज को 12 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। वहीं मृतक के परिजन भी प्रदर्शन में शामिल हो गए थे। आंदोलन में आरक्षण की मांग को लेकर मोहन की पत्नी अंजलि सैनी ने सरकार के सामने शर्तें रख दीं है। अंजलि सैनी की चार शर्तें हैं।
उन्होंने कहा, मृतक मोहन सैनी को शहीद का दर्जा दिया जाए। मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए की मदद की जाए। मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए। इसी के साथ ही उन्हें 12 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाए। वहीं इस मामले में सीआई राधेश्याम सांखला मृतकों के परिजनों के साथ बात करने गए थे। सीआई सांखला का कहना है कि उन्होंने मृतक की पत्नी की मांगों को प्रशासन तक भिजवा दिया है। इसके बाद ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।