किरेन रिजिजू को केंद्रीय कानून मंत्रालय से छुट्टी दे दी गई है और उन्हें अब अर्थ साइंस का मंत्रालय दिया गया है। कानून मंत्रालय जैसे अहम विभाग से हटाना और उस पर दूसरे की नियुक्ति दोनों का होना एक बहुत बड़ी बात है। आखिर क्यों किरेन को इस मंत्रालय से हटाया गया और मेघवाल को ही क्यों इस पद पर नियुक्त किया गया इसके पीछे के गणित को इन प्वाइंट्स के जरिए समझते हैं।
इसलिए हटाए गए रिजिजू और नियुक्त हुए मेघवाल
1- किरेन रिजिजू का न्यायपालिका और इसकी व्यवस्था से काफी वक्त से टकराव चल रहा था। जो सरकार को रास नहीं आ रहा था।
2- किरेन ने न्यायपालिका की कोलेजियम व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए थे, जिससे ज्य़ूडिशयरी नाराज चल रही थी।
3- कोलेजियम सिस्टम को लेकर किरेन के कहा था कि इस सिस्टम में सरकार को कोई नुमाइंदा शामिल होना चाहिए, जिसे न्यायपालिका मान नहीं रही थी।
4- किरेन ने इसे लेकर कई जजों और रिटायर्ड जजों पर भी टिप्पणी की थी, जिसके पर पूरी ज्यूडिशयरी विरोध में आ गई थी।
5- हाइकोर्ट के एक जज की सुप्रीम कोर्ट में निुयुक्ति को लेकर भी CJI को पत्र लिखकर सवाल उठाए थे।
6- रिजिजू से टकराव के चलते न्यायपालिका से सरकार के कार्यों में भी अड़चने आ रही थी, सरकार की सार्वजनिक तौर पर किरकिरी हो रही थी।
7- सिर्फ कोलेजियम पर ही नहीं बल्कि कई मुद्दों पर न्यायपालिका से संबंधित कई सार्वजनिक बयान रिजिजू ने दिए थे।
8- सर्वोच्च स्तर तक इस नाराजगी के चले जाने के बाद तय किया गया कि अब किरेन इस पद पर कुछ ही दिनों के मेहमान हैं और इन्हें 17 या 18 मई के आस-पास इन्हें हटाया जा सकता है।
9- अर्जुन राम मेघवाल की निय़ुक्ति से भाजपा एक बड़ा सियासी संकेत दे रही है और वो राजस्थान विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है जो इसी साल होने हैं।
10- मेघवाल बीकानेर से सांसद हैं और RAS भी रह चुके हैं, मेघवाल के कद को बढ़ाना भाजपा को इन चुनावों में काफी फायदा पहुंचा सकता है।
राजस्थान हुआ और ताकतवर
अर्जुन राम मेघवाल को मिलाकर अब राजस्थान से बने हर केंद्रीय मंत्री का कद बढ़ गया है, वे केंद्र के अहम पदों पर बैठे हैं। अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय, गजेंद्र सिंह शेखावत को जलशक्ति मंत्री का सबसे अहम ओहदा मिला हुआ है, इसके अलावा भूपेंद्र यादव के पास पहले से ही दो बड़े महत्वपूर्ण मंत्रालय पर्यावरण और श्रम रोजगार हैं। कैलाश चौधरी के पास कृषि मंत्रालय जैसी सबसे अहम जिम्मेदारी है और तो और लोकसभा स्पीकर खुद कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला हैं और जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति हैं। अब अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय देकर इन मंत्रियों का नहीं बल्कि राजस्थान का कद पूरे देश में देश की संसद और कार्यप्रणाली में बढ़ गया है।