जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान दौरे को लेकर सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत पर तीखा हमला करते हुए पूछा कि आपको उपराष्ट्रपति के राजस्थान दौरे पर ऐतराज क्यों है? क्या प्रदेश सरकार कोई ऐसा वीजा सिस्टम लागू कर रही है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को राजस्थान आने के लिए परमिशन लेनी पड़ी। राजेंद्र राठौड़ यह बात शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।
दरअसल, सीएम गहलोत ने कहा था कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बार-बार राजस्थान आ रहे हो। इसका कोई तुक नहीं है। उन्हें यह समझना चाहिए कि राजस्थान में चुनाव चल रहे हैं। केंद्र सरकार को उपराष्ट्रपति को बार-बार दौरों पर नहीं भेजना चाहिए, क्योंकि उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक होता है। जिस पर राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति हमारे संवैधानिक प्रमुख है और इन पर ऐसी टिप्पणी अनुचित है। मैं सीएम से यह कहना चाहूंगा कि क्या कोई ऐसा वीजा सिस्टम लागू कर रहे हैं कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को राजस्थान आने के लिए वीजा लेना पड़े। एक किसान परिवार का बेटा उपराष्ट्रपति बनता है तो राजस्थान का मान बढ़ता है। पर शायद उनको उपराष्ट्रपति के आने पर ऐतराज है।
राजेंद्र राठौड़ ने उपराष्ट्रपति के राजस्थान दौरों का जिक्र करते हुए कहा कि हाल ही के दिनों में उपराष्ट्रपति मालपुरा-जोबनेर में उस किसान परिवार के घर पर आए थे, जिसने अपनी 1100 बीघा जमीन कृषि अनुंसधान केंद्र के लिए दी थी। ऐसे परिवार को सम्मान से शायद गहलोत को ऐतराज हो सकता है। तेजाजी के निर्वाण स्थल खरनाल पर आए तो मुख्यमंत्री को ऐतराज क्यों? नाथूराम मिर्धा की मूर्ति का अनावरण करने आए मुख्यमंत्री ऐतजार करते है। बीकानेर, बाड़मेर और कोटा में वो आए तो मुख्यमंत्री ऐतराज करते है। मैं समझता हूं कि उनको अपना बयान वापस लेना चाहिए। वैसे बयान लेना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। हाल ही में उन्होंने ज्यूडिशियल पर गंभीर टिप्पणी के बाद बयान वापस लिया था।
रंधावा को लेकर पूछे कई सवाल
बीजेपी नेता राठौड़ ने सीएम गहलोत से पूछा कि राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को वो कोटा में हुए सरकारी कार्यक्रम में किस हैसियत से लेकर गए। महंगाई राहत कैंपों का उद्घाटन उनसे क्यों कराते है। खुद गैर संसदीय काम करना उनकी फिदरत में है। अभी कोड ऑफ कंडोक्ट आएगा। राजस्थान में चुनाव आयोग आया हुआ है। हम भी जाकर अपनी बात कहेंगे। कोड ऑफ कंडोक्ट लगने के बाद भी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की सरकारी वीजिट हो सकती है।
सीएम गहलोत ने दिया था ये बयान
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लगातार राजस्थान दौरों को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि आप गवर्नर साहब हो या उपराष्ट्रपति’ जो बार-बार प्रदेश में आ रहे हो। बार-बार सुबह-शाम आ रहे हैं, दौरे कर रहे हैं। इसका कोई तुक नहीं है। उन्हें यह समझना चाहिए कि राजस्थान में चुनाव चल रहे हैं। इसके बाद गहलोत ने अगले दिन गुरुवार को फिर कहा कि केंद्र का कोई भी नेता आए, मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं, लेकिन उन्हें उपराष्ट्रपति को बार-बार दौरों पर नहीं भेजना चाहिए, क्योंकि उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक होता है।
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