जयपुर। उदयपुर में कन्हैयालाल दर्जी के हत्यारों को किसने गिरफ्तार किया? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के उदयपुर दौरे के बाद यह सवाल राजनीतिक गलियारों में तेजी से चल रहा है। दरअसल, उन्होंने यह कहा था कि कन्हैया के हत्यारों को एनआईए ने पकड़ा था। जबकि दो आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने और अन्यों को बाद में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
अब सवाल यह है कि देश के गृह मंत्री को आखिर किसने गलत तथ्य उपलब्ध करवाए। जानकारों के अनुसार ज्यादातर राजनीतिक सभाओं और कार्यक्रम में स्थानीय नेताओं की तरफ से तथ्य उपलब्ध करवाए जाते हैं, जिन्हें केन्द्रीय नेता अपने भाषण में उपयोग कर सकें। शाह को भी यह जानकारी स्थानीय भाजपा नेताओं की तरफ से भेजी गई थी
यह बोले स्थानीय नेता
भाजपा के स्थानीय नेताओं का कहना है कि पार्टी की तरफ से एनआईए द्वारा कन्हैयालाल के हत्यारों को पकड़े जाने की जानकारी भेजी गई थी। जिन दो मुख्य आरोपियों को लेकर तथ्य भेजे गए थे। उसमें रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को स्थानीय लोगों द्वारा पकड़ने की जानकारी दी गई थी। शायद शाह के बोलने में यह चूक हुई है। वैसे, शाह की इस चूक ने घर बैठे कांग्रेस को एक मुद्दा दे दिया है।
अमित शाह ने दिया था ये बयान
उदयपुर दौरे पर आए कें द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दावा किया कि कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को एनआईए ने पकड़ा और गहलोत सरकार ने कु छ नहीं किया। गहलोत हत्यारों को तो पकड़ना भी नहीं चाहते थे, एनआईए ने पकड़ा और गहलोत झूठ बोलते हैं कि कार्रवाई नहीं हुई। मैं डंके की चोट के साथ कहता हूं कि स्पेशल कोर्ट में सुनवाई की होती तो हत्यारे फांसी पर लटक चुके होते।
गहलोत ने कहा- जिम्मेदार पद वालों से यह उम्मीद नही
गलत बयान देने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला था। अमित शाह के कन्हैया हत्याकांड को लेकर दिए गए बयान पर सीएम गहलोत ने कहा था कि शाह झूठ बोल रहे हैं।उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, परन्तु शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है। शाह ने झूठ बोला कि कन्हैया के हत्यारों रियाज और गौस मोहम्मद को एनआईए ने पकड़ा, जबकि सत्य यह है कि इन्हें घटना के महज 4 घंटों में पुलिस ने पकड़ लिया था। यह दखद घटना 28 जून 2022 को हुई थी, जबकि एनआईए को इस के स की फाइल 2 जुलाई 2022 को ट्रांसफर हुई।
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